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 शिअद नेतृत्व से पीछा छुड़ाना चाहती है भाजपा : जाखड़

जाखड़ ने यहां जारी बयान मं कहा कि दोनों पार्टियों के बीच वर्तमान तनातनी देखते हुए यदि भाजपा ने संबंध तोड़ दिये, जिसके कि आसार दिख रहे हैं

 शिअद नेतृत्व से पीछा छुड़ाना चाहती है भाजपा : जाखड़
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चंडीगढ़। शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के दिल्ली विधानसभा चुनाव न रिपीट न लड़ने की घोषणा को लेकर पंजाब कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सुनिल जाखड़ ने आज कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) आलाकमान शिअद के वर्तमान नेतृत्व से पिंड छुड़ाने का मन बना चुका है।

जाखड़ ने यहां जारी बयान मं कहा कि दोनों पार्टियों के बीच वर्तमान तनातनी देखते हुए यदि भाजपा ने संबंध तोड़ दिये, जिसके कि आसार दिख रहे हैं, तो शिअद के वर्तमान नेतृत्व के लिए अपनी पार्टी में अपना दर्जा बचाना संभव नहीं होगा।

कांग्रेस नेता ने कहा कि ऐसी घटनाएं महज इत्तेफाक नहीं हैं बल्कि भाजपा वास्तव में शिअद के वर्तमान नेतृत्व से पीछा छुड़ाना चाहती है। उन्होंने आरोप लगाया कि अकाली दल का वर्तमान नेतृत्व जो कि धार्मिक बेअदबी और नशे के मुद्दों पर भाजपा के लिए बोझ बन चुका है।

उन्होंने कहा कि इसीलिये सुखदेव सिंह ढींडसा को शिअद की सहमति के बिना पद्म भूषण दिया गया। फिर शिअद से हरियाणा विधानसभा चुनाव में गठबंधन नहीं किया गया जो संकेत है कि पार्टी के नेतृत्व में भाजपा को कोई दिलचस्पी नहीं है।

जाखड़ ने कहा कि वास्तव में भाजपा ने महसूस कर लिया है कि शिअद के वर्तमान नेतृत्व ने अपने लोगों के बीच ही जनाधार नहीं खोया बल्कि भाजपा को राजनीतिक नुकसान पहुंचा रहा है। इसीलिए भाजपा शिअद के वर्तमान नेतृत्व को दूरगामी नीति के तहत विघटित करना चाहता है। उन्होंने कहा कि भाजपा की सहायता के बिना अकाली दल अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल के लिए पार्टी में अपना दबदबा बनाये रखना संभव नहीं होगा।

उन्होंने कहा कि प्रकाश सिंह बादल का पार्टी में प्रभाव कम हो गया है और पार्टी में श्री सुखबीर की तानाशाही के कारण पार्टी का पतन हाे सकता है।

जाखड़ ने कहा कि भाजपा की रणनीति शिअद से ही नहीं उसके वर्तमान नेतृत्व से भी पीछा छुड़ाने की है क्योंकि शिअद नेताओं ने हरियाणा चुनाव में भाजपा के प्रतिद्वंद्वियों से हाथ मिला लिया था।


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