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लोगों की कमाई अपने कार्यकाल में हुए बैंक घोटालों की भरपायी के लिए करना चाहती है भाजपा: कांग्रेस

कांग्रेस ने आज आरोप लगाया कि मोदी सरकार जीवन बीमा निगम (एलआईसी) से करोड़ों लोगों की गाढ़ी कमाई का इस्तेमाल अपने कार्यकाल में हुए बैंक घोटालों की भरपायी के लिए करना चाहती है

लोगों की कमाई अपने कार्यकाल में हुए बैंक घोटालों की भरपायी के लिए करना चाहती है भाजपा: कांग्रेस
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नयी दिल्ली। कांग्रेस ने आज आरोप लगाया कि मोदी सरकार जीवन बीमा निगम (एलआईसी) से करोड़ों लोगों की गाढ़ी कमाई का इस्तेमाल अपने कार्यकाल में हुए बैंक घोटालों की भरपायी के लिए करना चाहती है और इसलिए नियमो को ताक पर रखकर सार्वजनिक क्षेत्र के आईडीबीआई बैंक के शेयर खरीदे के लिए उसे विवश कर रही है।



कांग्रेस प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी ने यहां पार्टी मुख्यालय में आयोजित विशेष संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सरकार बैंक घोटालों में पर्दा डालने के लिए हर प्रयास कर रही है और इसके लिए उसने 38 करोड़ लोगों की एलआईसी में जमा गाढ़ी कमायी पर सेंध लगाने का रास्ता निकाला है। एलआईसी को बेहद खराब स्थिति में चल रहे आईडीबीआई बैंक के शेयर खरीदने को मजबूर किया जा रहा है।

उन्होंने कहा “मोदी सरकार अपने पापों पर पर्दा डालने के लिए यह तिकड़म तो कर रही है लेकिन उसे यह मालूम नहीं है कि जिस निधि को वह भारी नुकसान में चल रहे सार्वजनिक क्षेत्र के इस बैंक को उभारने की योजना बना रही है उसके इस कदम से देश की अर्थव्यवस्था को बहुत बडे संकट का सामना करना पड सकता है।”

प्रवक्ता ने कहा कि मोदी सरकार की नीतियों के कारण देश की अर्थव्यवस्था पहले ही गहरे संकट में चली गयी है। इस सरकार ने बिना सोचे समझे आधा अधूरा वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) लागू किया और बिना सोचे समझे नोटबंदी की , जिसका खामियाजा देश की जनता को भुगतना पड़ रहा है। लोग अभी इस सदमें से उभरे भी नहीं हैं तो मोदी सरकार नया वित्तीय संकट पैदा करने का प्रयास कर रही है।

चतुर्वेदी ने कहा कि अब 38 करोड एलआईसी पालिसीधारकों की गाढ़ी कमाई पर उसकी नजर टिक गयी है और इसके लिए एलआईसी का घाटे में चल रहे सरकारी क्षेत्र के आईडीबीआई बैंक के शेयर खरीदने का दबाव बनाया जा रहा है। मोदी सरकार यह कदम बैंकों में किए घोटालों पर पर्दा डालने के लिए उठा रही है और इससे पालिसी धारकों पर करीब 13000 करोड़ रुपए का बोझ पड़ेगा। इसके लिए बैंकिंग अिधिनियम, बीमा नियामक अधिनियम, बीमा अधिनियम तथा सेबी अधिनियम आदि को तोड़ा जा रहा है।

उन्होंने कहा कि मीडिया रिपोर्ट के अनुसार भारतीय बीमा नियामक तथा विकास प्राघिकरण बोर्ड ने आईडीबीआई बैंक में एलआईसी के निवेश को मंजूरी प्रदान कर दी है। आईडीबीआई बैंक भारी घाटे में चल रहा है और उसकी हालत बहुत खराब है। केंद्र के पास इस बैंक के 80.96 प्रतिशत शेयर है और यदि एलआईसी को बैंक के 51 प्रतिशत शेयर रखने हैं तो इसके लिए उसे सरकार से 40.82 प्रतिशत और शेयर खरीदने पड़ेंगे। एलआईसी को इस पर करीब 9895 करोड़ रुपए खर्च करने पडेंगे।

उन्होंने कहा कि एलआईसी पर आईडीबीआई बैंक के जितने शेयर खरीदने के लिए दबाव बनाया जा रहा है वह नियमों के विरुद्ध है। उन्होंने कहा कि नियम के अनुसार एलआईसी 15 प्रतिशत से ज्यादा शेयर नहीं खरीद सकता है लेकिन उसे 51 प्रतिशत शेयर खरीदने को विवश किया जा रहा है।


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