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पाकुड़ में सांप्रदायिक टकराव पर भाजपा की कड़ी प्रतिक्रिया, कहा- यह बांग्लादेशी घुसपैठियों को संरक्षण देने का नतीजा

झारखंड के पाकुड़ जिले के इलामी और तारानगर गांव में गुरुवार को सांप्रदायिक टकराव की घटना को लेकर भाजपा नेताओं ने विधि-व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं

पाकुड़ में सांप्रदायिक टकराव पर भाजपा की कड़ी प्रतिक्रिया, कहा- यह बांग्लादेशी घुसपैठियों को संरक्षण देने का नतीजा
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रांची। झारखंड के पाकुड़ जिले के इलामी और तारानगर गांव में गुरुवार को सांप्रदायिक टकराव की घटना को लेकर भाजपा नेताओं ने विधि-व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं।

झारखंड विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि यह घटना बांग्लादेशी घुसपैठियों को राज्य सरकार से मिलने वाले संरक्षण का नतीजा है।

लोगों का आरोप है कि एक लड़की की आपत्तिजनक तस्वीर सोशल मीडिया पर अपलोड किए जाने से उत्पन्न विवाद के बाद तारानगर गांव में हिंदू परिवारों पर हमले किए गए। बीच-बचाव में आई पुलिस पर भी जमकर पथराव हुआ।

झारखंड के नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने सोशल मीडिया पर लिखा, "बांग्लादेशियों के गढ़ पाकुड़ के तारानगर गांव में हेमंत सरकार के संरक्षण में संप्रदाय विशेष द्वारा हिंदू परिवारों पर हमला किए जाने की सूचना मिली है। गांववासी डरे हुए हैं और स्थिति तनावपूर्ण है। इस गांव में 30 हिंदू परिवार रहते हैं। इससे पूर्व संगठित रूप से पाकुड़ के ही गोपीनाथपुर गांव में ऐसी घटना हो चुकी है, जिसे अब एक बार पुन: दोहराया जा रहा है।"

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने भी इस घटना से जुड़ा एक वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए सीएम हेमंत सोरेन को टैग किया और लिखा, "राज्य का मुख्यमंत्री होने के नाते बांग्लादेशी घुसपैठ के मुद्दे पर आपको संज्ञान लेकर उचित कार्रवाई करनी चाहिए थी, लेकिन अफसोस है कि आप सत्ता के लिए घुसपैठियों की गोद में बैठकर झारखंड के गरीब आदिवासियों के अस्तित्व की बलि चढ़ा रहे हैं। झारखंड में बांग्लादेशी मुसलमानों के घुसपैठ जैसे अति संवेदनशील मुद्दों पर आपकी चुप्पी जेएमएम-कांग्रेस सरकार की आदिवासी मूलवासी विरोधी मानसिकता का सबूत दे रही है।"

मरांडी ने आगे लिखा, "पाकुड़ जिले के तारानगर गांव में घुसपैठियों द्वारा हिंदू परिवारों पर हमला किया गया है। स्थिति इतनी भयावह है कि इन हिंदू परिवारों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए जिला प्रशासन को दल-बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचना पड़ा है। डेमोग्राफी बदलने से पाकुड़ के स्थानीय मूलवासी अपने ही घर में घुसपैठियों के आतंक से खौफजदा हैं। अब पानी सिर से उपर जा चुका है। यथाशीघ्र घुसपैठियों को चिन्हित कर उन्हें राज्य से बाहर भेजने के कदम उठाएं, अन्यथा झारखंड की जनता आपको सत्ता से खदेड़ने का काम करेगी।"


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