भाजपा किसानों के नाम पर घडिय़ाली आंसू बहाना बंद करे : सोलंकी
किसानों पर घडिय़ाली आंसू बहाने वाली भाजपा पहले अपने गिरेबां में झांक कर देखे। जिला भाजपा द्वारा आज किये गए धरना प्रदर्शन का कारण समझ से परे है

राजनांदगांव। किसानों पर घडिय़ाली आंसू बहाने वाली भाजपा पहले अपने गिरेबां में झांक कर देखे। जिला भाजपा द्वारा आज किये गए धरना प्रदर्शन का कारण समझ से परे है। जिन्होंने किसानों साथ छग प्रदेश में 15 साल तक अत्याचार करते रहे आज उन्हें किसान याद कर रहे है।
कांग्रेस के प्रवक्ता इकरामुद्दीन सोलंकी ने कहा कि किसानों की झूठी चिंता करने से पहले भाजपा नेता पहले यह बता दें कि वे किसानों को समर्थन मूल्य और बोनस देने के पक्ष में हैं या नहीं? किसानों से 20 म्ंिटल धान खरीदी की मांग पर श्री सोलंकी ने कहा है कि इसी भाजपा ने सरकार में रहते हुए किसानों से सिर्फ 10 क्लिंटल धान खरीदने का फैसला किया था। कांग्रेस के नेतृत्व में किसानों के आंदोलन के बाद ही सरकार 15 म्ंिटल धान खरीदने के लिए बाध्य हुई थी। उन्होंने कहा है कि भाजपा ने हर साल धान का 300 रुपए बोनस देने की बात कही थी, लेकिन किसानों को बोनस सिर्फ चुनावी साल में मिल पाया। 2100 रुपए समर्थन मूल्य दिलाने का वादा तो भाजपा कभी पूरा ही नहीं कर पाई।
श्री सोलंकी ने पूछा है कि केंद्र की भाजपा सरकार ने जब केंद्र की सरकार ने छत्तीसगढ़ सरकार से कह दिया कि अगर किसानों को बोनस दिया गया तो केंद्र सरकार राज्य से चावल नहीं लेगी तब भाजपा के किसी नेता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से नहीं कहा कि बोनस दिया जाना चाहिए। जिला भाजपा मधुसूदन यादव बताएं कि प्रदेश से चुनकर गए किस सांसद ने केंद्र सरकार के सामने यह बात उठाई थी कि किसानों का बोनस मिलना ही चाहिए।
श्री सोलंकी ने कहा है कि किसानों को धान का 2500 रुपए प्रति म्ंिटल भुगतान करने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राजीव गांधी किसान न्याय योजना शुरू की और सुनिश्चित किया कि किसानों का नुकसान न हो, लेकिन केंद्र की मोदी सरकार ने तो तीन काले कानून बनाकर किसानों का अहित सुनिश्चित कर दिया है। उन्होंने कहा है कि केंद्र सरकार की समर्थन मूल्य खत्म करने की साजिश पर भाजपा नेता चुप हैं। न वे मंडियों और सहकारी समितियों को खत्म करने पर कुछ कह रहे हैं और न ठेका खेती शुरू करने पर कुछ कह रहे हैं। भाजपा किसानों के नाम पर घडिय़ाली आंसू बहाना बंद करे, किसान उनके कथनी और करनी से वाकिफ है।


