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भाजपा को सर्जिकल स्ट्राइक पर राजनीति नहीं करनी चाहिए: कांग्रेस

कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर जवानों के ‘शौर्य तथा बलिदान’ पर राजनीतिक रोटियां सेंकने का आरोप लगाते हुए कहा है कि पार्टी किसी भी स्तर पर सेना की बहादुरी का राज

भाजपा को सर्जिकल स्ट्राइक पर राजनीति नहीं करनी चाहिए: कांग्रेस
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नयी दिल्ली। कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर जवानों के ‘शौर्य तथा बलिदान’ पर राजनीतिक रोटियां सेंकने का आरोप लगाते हुए कहा है कि पार्टी किसी भी स्तर पर सेना की बहादुरी का राजनीतिक लाभ लेने का विरोध करती है।

कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख रणदीप सिंह सुरजेवाला, पार्टी की सैनिक शाखा के पूर्व प्रमुख मेजर वेदप्रकाश, पूर्व मेजर जनरल सतवीर सिंह तथा कई अन्य पूर्व सैनिकों ने शुक्रवार को यहां पार्टी मुख्यालय में आयोजित संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सेना में सर्जिकल स्ट्राइक होते रहते हैं। यह सेना का एक ऑपरेशन होता है और इसे लेकर किसी तरह की राजनीति नहीं की जानी चाहिए।

प्रवक्ता ने पाकस्तानी सीमा पर सेना के सर्जिकल स्ट्राइक के दो साल पूरे होने पर ‘पराक्रम पर्व’ आयोजित करने के सरकार के निर्णय पर कहा कि सेना की बहादुरी का इस्तेमाल राजनीतिक फायदे के लिए करना अनुचित है। उन्होंने मोदी सरकार पर देश की सुरक्षा से खिलवाड़ करने का आरोप लगाते हुए कहा कि पिछले साढ़े चार साल के दौरान देश के साथ विश्वासघात हुआ है और सेना के साथ खिलवाड़ किया गया है।

उन्होंने कहा कि देश की सीमाओं की सुरक्षा को लेकर मोदी सरकार का ढुलमुल रवैया रहा है, जिसके कारण सीमा पार से लगातार गोलाबारी होती रही है। मोदी सरकार के कार्यकाल में अब तक पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के कारण जम्मू-कश्मीर में 414 जवान शहीद हुए और 259 नागरिकों की मौत हुई है तथा सुरक्षा चौकियों पर 16 बड़े आतंकवादी हमले हुए हैं। इसी तरह से डोकलाम में चीन ने अपना सैन्य-बेस मजबूत बना लिया है।

सुरजेवाला ने कहा कि डोकलाम में चीन ने गैरकानूनी कब्जा कर लिया है और उसने वहां बड़े स्तर पर बख्तरबंद हथियारों की तैनाती कर ली है और भारतीय सेना की पोस्ट से महज 10 मीटर दूर तक व्यापक मिलिटरी कॉम्प्लैक्स बना लिया है लेकिन इसको लेकर प्रधानमंत्री ‘मौन मोदी’ बने हुए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सेना की ‘रक्षा तैयारी’ को षडयंत्रकारी रूप से कमजोर कर रहे हैं और इसी का परिणाम है कि उनकी सरकार ने सेना के लिए 1962 के बाद सबसे कम बजट आवंटन किया है।

सेवानिवृत्त मेजर जनरल सतवीर सिंह ने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक पहले भी होते रहे हैं। खुद वह 1971 में सर्जिकल स्ट्राइक का हिस्सा रहे हैं। इससे पहले भी और बाद में कई बार सर्जिकल स्ट्राइक सेना ने किए हैं। उन्होंने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक सेना के प्रशिक्षण का हिस्सा होता है और इसे अलग करके नहीं देखा जा सकता है। किसी एक सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर यदि कोई पर्व मनाया जाता है तो वह और उनके साथी पूर्व सैनिक इसका विरोध करते हैं।

पिछले दो दशकों में देश के बहादुर सैनिकों द्वारा किए सर्जिकल स्ट्राइक की सूची जारी करते हुए कांग्रेस ने कहा कि उनकी सरकार ने कभी किसी विशेष सर्जिकल स्ट्राइक के लिए पर्व नहीं मनाया। पार्टी ने कहा कि भारतीय सेना ने पिछले दो दशकों, खासकर साल 2000 के बाद जो ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ किए उनमें, 21 जनवरी 2000 (नडाला एन्कलेव, नीलम नदी के पार), 18 सितंबर 2003 (बरोह सेक्टर, पुंछ), 19 जून 2008 (भट्टल सेक्टर, पुंछ), 30 अगस्त और एक सितंबर 2011 (शारदा सेक्टर केल में नीलम नदी घाटी), छह जनवरी 2013 (सावन पत्र चेकपोस्ट), 27-28 जुलाई 2013 (नाजापीर सेक्टर), छह अगस्त 2013 (नीलम घाटी), 14 जनवरी 2014 (23 दिसंबर 2013 को सर्जिकल स्ट्राईक बारे सेना प्रमुख जनरल बिक्रम सिंह का बयान) तथा 28-29 सितंबर 2016 (डीजीएमओ का बयान) शामिल है।



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