भाजपा को नोटबंदी माफी दिवस मनाना चाहिये: मायावती
मायावती ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को नोटबंदी की पहली वर्षगांठ पर खुद की पीठ थपथपाने की बजाय आज के दिन को ‘नोटबंदी माफी दिवस’ के तौर पर मनाना चाहिये।

लखनऊ। एक साल पहले केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार के नोटबंदी के फैसले को भारत के इतिहास का ‘काला अध्याय’ करार देते हुये बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को नोटबंदी की पहली वर्षगांठ पर खुद की पीठ थपथपाने की बजाय आज के दिन को ‘नोटबंदी माफी दिवस’ के तौर पर मनाना चाहिये।
मायावती ने यहां कहा “ नरेन्द्र मोदी सरकार ने जल्दबाजी मे काफी अपरिपक्व तरीके से 500 व 1,000 रूपये की नोटबन्दी का फैसला लिया जिस कारण देश के सवा सौ करोड़ ग़रीब,किसान व अन्य मेहनतकशों को अभूतपूर्व तंगी, जंजाल व संकट झेलने पड़े। यह फैसला वास्तव में भारत के इतिहास का एक काला अध्याय साबित हुआ है। इसलिये मेरा मानना है कि भाजपा को आज ‘‘एन्टी ब्लेक मनी डे‘‘ मनाने के स्थान पर, इसको ‘‘नोटबन्दी माफी दिवस‘‘ के रुप में ही मनाना चाहिये। ”
उन्होने कहा कि मोदी सरकार की मनमानी, अड़ियल व निरंकुश रवैये के कारण देश एक प्रकार से आपातकाल के संकटकालीन दौर से गुजर रहा है जिससे मुक्ति पाने के लिये लोगों को भाजपा सरकार द्वारा फैलाई गई भावनाओं के मकड़जाल से बाहर आना ज़रूरी है।
बसपा प्रमुख ने कहा कि नोटबन्दी का फैसला दिखावटी तौर पर देशभर में व्याप्त व्यापक भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिये लिया गया था लेकिन इस फैसले ने सिर्फ और सिर्फ मेहनतकशों की मुश्किले बढायी जबकि सरकारी भ्रष्टाचार हर स्तर पर कम होने के बजाय काफी बढ़ा है।
उन्होने कहा कि ‘‘पैराडाइज पेपर भाण्डाफोड़‘‘ ने भाजपा और उसके नेताओं की कलई खोल दी है। भाजपा एण्ड कम्पनी के करीबी व ख़ास बड़े लोगों के भ्रष्टाचार,गै़र-क़ानूनी व अनुचित कार्यों का एक-के बाद-एक पर्दाफाश होने से नरेन्द्र मोदी सरकार का भ्रष्टाचार का भाण्डा भी लगातार फूटता जा रहा है। भ्रष्टाचार के इस मामले में भी भाजपा सरकार की चुप्पी व निष्क्रियता अब रहस्य नहीं रही है क्योंकि ऐसे हर मामले में मोदी सरकार मौनव्रत पर चली जाती है।
मायावती ने कहा कि नोटबन्दी से अनेकों प्रकार के नये भ्रष्टाचार के श्रोतों का जन्म हुआ है जिसका लाभ भाजपा एण्ड कम्पनी के करीबी व चहेतों ने ही उठाया है।


