भाजपा ने सोनिया के बयान को किया खारिज
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के उस बयान को सिरे से खारिज कर दिया है

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के उस बयान को सिरे से खारिज कर दिया है जिसमें श्रीमती गांधी ने आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार के इशारे पर लोगों को पिटवाकर कानून की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार खुद ही हिंसा तथा बंटवारे की जननी बन गयी है।
भाजपा की वरिष्ठ नेता एवं केन्द्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक प्रेस वक्तव्य जारी कर कहा कि श्रीमती गांधी का यह बयान गैर-जिम्मेदाराना है जिसका उद्देश्य त्वरित राजनीतिक लाभ लेना है।
श्रीमती सीतारमण ने कहा कि एक जिम्मेदार विपक्षी दल होने के नाते कांग्रेस और श्रीमती सोनिया को लोगों से शांति बनाए रखने की अपील करनी चाहिए और साथ ही यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कांग्रेस हिंसा को बढ़ावा नहीं दे।
श्रीमती गांधी ने सोमवार को यहां जारी एक बयान में कहा कि नागरिकता (संशोधन) कानून (सीएए) को लेकर देशभर में जारी हिंसा के बीच यहां जामिया मिल्लिया विश्वविद्यालय में छात्रों के साथ मारपीट की गयी। सरकार का काम शांति एवं सौहार्द्र बनाए रखना, कानून का शासन चलाना एवं संविधान की रक्षा करना है लेकिन मोदी सरकार ने देश तथा देशवासियों पर हमला बोल दिया है।
उन्होंने कहा, “ मोदी सरकार स्वयं हिंसा तथा बंटवारे की जननी बन गयी है। सरकार ने देश को नफरत की अंधी खाई में धकेल दिया है तथा युवाओं के भविष्य को आग की भट्टी में झुलसा दिया गया है। सरकार के हुक्मरान ही जब हिंसा करवाएं, संविधान पर आक्रमण करें, देश के युवाओं को बेरहमी से पिटवाएं, कानून की धज्जियां उड़ाएं, तो फिर देश चलेगा कैसे। मोदी सरकार अस्थिरता फैलाकर और इसके लिए हिंसा करवाओ, युवाओं के अधिकार छीनते जाओ, देश में धार्मिक उन्माद का वातावरण बनाओ और राजनैतिक रोटियां सेंकते जाओ। इसके सूत्रधार कोई और नहीं, स्वयं श्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह हैं।”
भाजपा नेता ने आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी ने दिल्ली में हुए सिख-विरोधी दंगों में शामिल लोगों को अपनी पार्टी में बनाए रखा है। इससे पता चलता है कि हिंसा को कौन बढ़ावा देता है।
कांग्रेस को याद रखना चाहिए कि सीएए एक कानून है जिसे संसद के दोनों सदनों ने पारित किया है।
उन्होंने कहा कि श्रीमती गांधी इस बात से अनभिज्ञ हैं कि गृह मंत्री ने पूर्वोत्तर राज्यों के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात कर इस संबंध में चर्चा की थी। इन नेताओं ने अपने-अपने राज्यों में लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है।
भाजपा ने कांग्रेस अध्यक्ष से सवाल किया है कि उनकी पार्टी की ओर से पश्चिम बंगाल और दिल्ली में शांति बनाए रखने के लिए क्या किया गया है।
भाजपा नेता ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के वर्ष 2003 में संसद में बंगलादेशी अल्पसंख्यक शरणार्थियों के संबंध में दिए गए बयान का भी उल्लेख किया।


