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दिल्ली में तिहाड़ जेल के बाहर भाजपा का प्रदर्शन, केजरीवाल के इस्तीफे की मांग

दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा के नेतृत्व में पार्टी कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को तिहाड़ जेल के बाहर विरोध-प्रदर्शन किया। प्रदर्शन कर रहे भाजपा कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे की मांग की

दिल्ली में तिहाड़ जेल के बाहर भाजपा का प्रदर्शन, केजरीवाल के इस्तीफे की मांग
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नई दिल्ली। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा के नेतृत्व में पार्टी कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को तिहाड़ जेल के बाहर विरोध-प्रदर्शन किया। प्रदर्शन कर रहे भाजपा कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे की मांग की।

इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने केजरीवाल सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और सीएम केजरीवाल के इस्तीफे की मांग की।

भाजपा कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि केजरीवाल सरकार भ्रष्टाचार में लिप्त है और उनके नेतृत्व में दिल्ली का विकास नहीं हो पा रहा है। केजरीवाल सरकार दिल्ली को लूटने का काम कर रही है। प्रदर्शनकारियों के हाथों में तख्तियां थीं, जिन पर लिखा था - "दिल्ली का विकास ठप, केजरीवाल इस्तीफा दो", "दिल्ली हुई बदहाल, केजरीवाल इस्तीफा दो", और "दिल्ली का प्रशासन हुआ पंगु, केजरीवाल इस्तीफा दो"।

प्रदर्शनकारियों ने केजरीवाल सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और उनके इस्तीफे की मांग को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया। भाजपा कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि केजरीवाल सरकार के कार्यकाल में दिल्ली का विकास ठप हो गया है और प्रशासन पंगु हो गया है। इस प्रदर्शन के साथ ही दिल्ली की राजनीति में एक नई गर्माहट आ गई है।

बता दें, इससे पहले सोमवार को दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा ने सीएम केजरीवाल पर लोकतांत्रिक प्रशासनिक प्रक्रिया में विश्वास नहीं करने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि साल 2022 से 31 जुलाई 2024 तक केजरीवाल सरकार के मंत्रिमंडल की 71 में से 56 सर्कुलेशन बैठकें हुईं थी और इन बैठकों में सीएम केजरीवाल ने अपना मनमाना निर्णय लिया था।

उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया हर सरकार की नींव होती है। केजरीवाल सरकार संविधान की अवहेलना कर रही है। सीएम केजरीवाल मंत्रिमंडल की बैठक में चर्चा करने में विश्वास नहीं रखते।

उन्होंने आगे कहा था कि वह मनमानी तरीके से अपनी सरकार चलाते हैं, मंत्रियों और अधिकारियों की नहीं सुनते। पिछले ढाई साल में सिर्फ 15 बार केजरीवाल सरकार के मंत्रिमंडल की बैठक हुईं, जो यह साबित करती है कि सीएम केजरीवाल अपनी मर्जी के अनुसार फैसला लेते हैं।


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