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कांग्रेस के जाति कार्ड को बेअसर करने के लिए हिंदू वोटरों को एकजुट रखने का 'भाजपा प्लान'

नीतीश कुमार और लालू यादव की गठबंधन सरकार ने बिहार में जाति सर्वे के आंकड़ों को जारी कर एक बड़ा चुनावी दांव खेल दिया है

कांग्रेस के जाति कार्ड को बेअसर करने के लिए हिंदू वोटरों को एकजुट रखने का भाजपा प्लान
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नई दिल्ली। नीतीश कुमार और लालू यादव की गठबंधन सरकार ने बिहार में जाति सर्वे के आंकड़ों को जारी कर एक बड़ा चुनावी दांव खेल दिया है। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव भी उत्तर प्रदेश में यही मांग कर रहे हैं। कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने जातीय जनगणना की पुरजोर मांग करते हुए 'जितनी आबादी, उतना हक' का नारा देकर यह स्पष्ट कर दिया कि विपक्षी गठबंधन इसे एक बड़ा चुनावी मुद्दा बनाने जा रहा है।

इसे देश में मंडल पार्ट-2 की राजनीति के नए दौर के रूप में भी देखा जा रहा है। 2024 में लगातार तीसरी बार लोकसभा चुनाव जीतने की तैयारियों में जुटी भाजपा, विपक्षी गठबंधन के मंडल पार्ट-2 की राजनीति को मात देने के लिए नए सिरे से कमंडल पार्ट-2 की राजनीति को भी शुरू कर सकती है।

भाजपा विपक्षी दलों को हराने के लिए हिंदू वोटरों को एकजुट करने के मिशन में जुट गई है। भाजपा के दो शीर्ष नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस रणनीति पर काम करना शुरू भी कर दिया है और आने वाले दिनों में भाजपा इसे लेकर कई अहम कदम भी उठा सकती है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को छत्तीसगढ़ में एक रैली को संबोधित करते हुए कांग्रेस पर यह आरोप लगाया कि कांग्रेस हिंदुओं को बांटने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने नया राग अलापना शुरू किया है- जितनी आबादी, उतना हक। इससे साफ है कि वो देशवासियों में आपसी खाई और वैर-भाव बढ़ाना चाहती है। सच्चाई ये है कि अगर हक की बात करनी ही है, तो वे कहेंगे कि इस देश के संसाधनों पर पहला हक भारत के गरीबों का है। मोदी के लिए गरीब सबसे बड़ी आबादी है।

दूसरी तरफ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ बैठक कर राज्य में लागू किए जाने वाले यूसीसी (समान नागरिक संहिता) को लेकर चर्चा की।

बताया जा रहा है कि शाह और धामी की बैठक के दौरान उत्तराखंड सरकार द्वारा यूसीसी को लेकर गठित की गई विशेषज्ञों की समिति की अध्यक्ष रंजना देसाई और समिति के अन्य सदस्य भी मौजूद रहे।

सूत्रों की माने तो बैठक में इस वर्ष के अंत तक राज्य में यूसीसी लागू करने और इससे जुड़े विभिन्न प्रावधानों पर विस्तार से चर्चा की गई।

दरअसल, भाजपा यूसीसी को लेकर उत्तराखंड को एक उदाहरण के रूप से टेस्ट केस बनाना चाहती है और फिर इससे मिले अनुभवों के आधार पर भाजपा शासित अन्य राज्य भी आगे बढ़ेंगे।

भाजपा को यह लगता है कि विपक्षी दल अल्पसंख्यक समुदाय की बात कहते हुए यूसीसी का जितना विरोध करेंगे, देश भर में हिंदू वोटर उतने ही एकजुट होंगे। भाजपा के पास तीसरा सबसे बड़ा मुद्दा या यूं कहें कि उपलब्धि अयोध्या में बन रहा भगवान राम का भव्य मंदिर है।

इस मंदिर का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अगले वर्ष जनवरी 2024 में किए जाने की संभावना है। लेकिन, भाजपा इस मंदिर को लेकर देशभर के कई शहरों में विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन करने की भी योजना बना रही है।


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