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भाजपा ने रक्षाबंधन के दिन एमसीडी की बैठक बुलाने का किया विरोध, दी बहिष्कार की चेतावनी

भाजपा ने रक्षा बंधन के दिन दिल्ली नगर निगम की बैठक बुलाने का विरोध करते हुए आम आदमी पार्टी को हिन्दू पर्व और महिला विरोधी पार्टी करार दिया है

भाजपा ने रक्षाबंधन के दिन एमसीडी की बैठक बुलाने का किया विरोध, दी बहिष्कार की चेतावनी
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नई दिल्ली। भाजपा ने रक्षा बंधन के दिन दिल्ली नगर निगम की बैठक बुलाने का विरोध करते हुए आम आदमी पार्टी को हिन्दू पर्व और महिला विरोधी पार्टी करार दिया है।

भाजपा की दिल्ली महासचिव कमलजीत सहरावत एवं दिल्ली नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष सरदार राजा इकबाल सिंह ने दिल्ली की महापौर डॉ. शैली ओबरॉय द्वारा नगर निगम सदन की बैठक रक्षाबंधन के दिन बुलाने की निंदा करते हुए बैठक के बहिष्कार की घोषणा की है।

कमलजीत सहरावत ने कहा कि जबसे आम आदमी पार्टी को दिल्ली नगर निगम की सत्ता मिली है, उनके नेता नगर निगम को मनमाने तरीके से चलाना चाह रहे हैं। स्थाई समिति का गठन ना करके दिल्ली नगर निगम की प्रशासनिक एवं आर्थिक व्यवस्थाओं को ठप्प कर दिया है। अब जान-बूझकर नगर निगम सदन की महीने में केवल एक बैठक बुलाते हैं, वह भी माह के अंतिम दिन।

उन्होंने कहा कि इस माह की बैठक भी महापौर ने माह के अंतिम दिन 31 अगस्त को बुलाई है, जिस दिन रक्षाबंधन का पर्व है और वे इस पर्व के दिन बैठक बुलाने की कड़ी निंदा करते हैं।

सहरावत ने आगे कहा कि रक्षाबंधन के दिन बैठक रख आम आदमी पार्टी ने अपना हिन्दू पर्व विरोधी एवं बहनों के प्रति असमानता का चेहरा दिखाया है और अगर आम आदमी पार्टी दिल्ली नगर निगम की बैठक रक्षाबंधन के दिन आयोजित करेगी तो भाजपा पार्षद बैठक का बहिष्कार करेंगे।

उन्होंने महापौर से दिल्ली नगर निगम सदन की बैठक प्रीपोन कर एक दिन पहले यानि 30 अगस्त को बुलाने की मांग की।

वहीं दिल्ली नगर निगम में विपक्ष के नेता सरदार राजा इकबाल सिंह ने कहा कि 25 अगस्त को जैसे ही निगम सदन बैठक का नोटिस आया तो उन्होंने महापौर डॉ. शैली ओबरॉय से बैठक का दिन बदलने का अनुरोध किया पर उन्होंने हठधर्मिता बरतते हुए उनकी बात नहीं मानी।

दिल्ली भाजपा के मीडिया प्रमुख प्रवीण शंकर कपूर ने आप को अराजक पार्टी बताते हुए कहा कि आप के नेता प्रशासन को न तो नियमों से चलाते हैं और ना ही मान्यताओं से। वह अब निगम बैठकों को भी उसी हठधर्म से करना चाहते हैं जैसे दिल्ली विधानसभा को चलाते हैं विपक्ष को बाहर रख कर।


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