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बीजेपी ने धनबल, सत्ताबल के दम पर एक और राज्य को अनैतिक ढ़ंग से किया कब्जा : जयराम रमेश

महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने गुरुवार शाम एकनाथ संभाजी शिंदे को प्रदेश के 20वें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ दिलाई

बीजेपी ने धनबल, सत्ताबल के दम पर एक और राज्य को अनैतिक ढ़ंग से किया कब्जा : जयराम रमेश
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नई दिल्ली। महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने गुरुवार शाम एकनाथ संभाजी शिंदे को प्रदेश के 20वें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ दिलाई। कोश्यारी ने देवेंद्र फडणवीस को उपमुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई। महाराष्ट्र में सियासी हलचल के बीच कांग्रेस ने भाजपा पर धनबल, सत्ताबल और बाहुबल के दम पर एक और राज्य को अनैतिक ढ़ंग से अपने कब्जा करने का आरोप लगाया है।

कांग्रेस वरिष्ठ नेता व महासचिव (संचार विभाग) जयराम रमेश ने कहा, महाराष्ट्र में जो हुआ वो भारत जैसे लोकतंत्र के लिए शर्मनाक है। मोदी-शाह के नेतृत्व में भाजपा किसी भी कीमत पर सत्ता हासिल करना चाहती है। वे चाहते हैं कि या तो सत्ता उनके पास रहे या या कुर्सी की डोर उनके हाथों में हो। वर्ष 2014 में केंद्र की सत्ता पर काबिज होने के बाद से भाजपा का ध्यान जनहित के लिए काम करने से ज्यादा राज्यों में सत्ता पर कब्जा करने और चुनी हुई सरकारों को गिराने पर रहा है।

सत्ता के लिए खरीद-फरोख्त, राज्यपाल और विधानसभा अध्यक्षों की शक्तियों का गलत इस्तेमाल तथा ईडी-सीबीआई जैसी एजेंसियों का खुलेआम दुरुपयोग किया जा रहा है। अब तो यह आलम है कि केंद्रीय वित्तमंत्री के मुंह से भी सच निकल जाता है। अब वो हॉर्स ट्रेडिंग पर जीएसटी लगाने का सुझाव दे रही हैं।

भाजपा लोकतांत्रिक ढ़ंग से चुनी हुई सरकारों को जिस तरह अस्थिर कर रही है उसकी हम कड़ी भर्त्सना एवं निंदा करते हैं। ये न सिर्फ लोकतंत्र का अपमान है बल्कि देवतुल्य जनता का भी अपमान है जो भाजपा की विचारधारा के खिलाफ वोट करते हैं।

दरअसल शपथ ग्रहण समारोह पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे द्वारा शिवसेना विधायकों में एक बड़े विद्रोह के मद्देनजर अपने पद से इस्तीफा देने के एक दिन बाद आयोजित हुआ। शिवसेना के अधिकतर नेता बागी हो गए, जिसके कारण सरकार पर संकट मंडराने लगा और आखिरकार कारण 31 महीने पुरानी महा विकास अघाड़ी सरकार गिर गई।

तेज-तर्रार घटनाक्रम के बाद, भाजपा ने शिंदे के नेतृत्व वाली अल्पमत सरकार को बाहर से समर्थन देने का फैसला किया।

पार्टी सूत्रों के अनुसार, शिवसेना और भाजपा के शिंदे समूह के मंत्रियों के रूप में और अधिक विधायकों को शामिल करने के साथ जल्द ही दो सदस्यीय मंत्रिमंडल का विस्तार किया जाएगा।


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