महिलाओं के खिलाफ अपराध करने में अव्वल हैं भाजपा के सांसद विधायक
अपनी ही साध्वियों से बलात्कार में सजायाफ्ता गुरमीतराम रहीम के पक्ष में लोगों ने भाजपा नेताओं को आगे बढ़कर बोलते देखा
महिलाओं के खिलाफ अपराध में लिप्त सांसद-विधायक, सबसे ज्यादा अपराधी भाजपा में, फिर शिवसेना की बारी : एडीआर कीरिपोर्ट
नई दिल्ली। अपनी ही साध्वियों से बलात्कार में सजायाफ्ता गुरमीत राम रहीम के पक्ष में लोगों ने भाजपा नेताओं को आगे बढ़कर बोलते देखा। अब एक रिपोर्ट सामने आई है जिसके मुताबिक महिलाओं के खिलाफ अपराध करने में भाजपा के सांसद विधायक सबसे आगे हैं।
यह सभी गंभीर आपराधिक मामले हैं जिनमें या तो आरोप तय हो चुके हैं या फिर कोर्ट ने संज्ञान लिया है। यह खुलासा नेशनल इलेक्शन वॉच (एनईडब्ल्यू) और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) के एक अध्ययन से हुआ है।
एनईडब्ल्यू और एडीआरने 2896 सासंदों में4852 सांसदों/ विधायकों के शपथपत्रों के विश्लेषण के आधार पर इसरिपोर्ट कोजारीकिया है। अध्ययन में 776 सांसदों मेंसे 774 सांसदों और 4120 विधायकों में से 4078 विधायकों के शपथपत्रों का अध्ययन कियागया।
रिपोर्ट के अनुसार 1581 (33 प्रतिशत) सांसद/विधायकों ने अपने ऊपर आपराधिक मामले घोषित किये हैं। इनमें से 51 नें अपने ऊपर महिलाओं के ऊपर अत्याचार से सम्बन्धित मामले घोषित किये हैं।
इन 51 में 3 सांसद और 48 विधायक शामिल हैं जिन्होंने अपने ऊपर महिलाओं के ऊपर अत्याचारसम्बन्धित मामले घोषित किये हैं।
334 उम्मीदवारों ने अपने ऊपर महिलाओं के ऊपर अत्याचार से सम्बन्धित मामले घोषित किये हैं जिन्हे राजनीतिक दलों ने टिकट दिया है।
पिछले 5 वर्षों में लोकसभा/राज्यसभा एवं विधानसभाओं में चुनाव लड़ने वाले 122 निर्दलीय उम्मीदवार ऐसे हैं जिन्होंने अपने ऊपर महिलाओं के ऊपर अत्याचारसे सम्बन्धित मामले घोषित किये हैं।
महिलाओं के ऊपर अत्याचार से सम्बन्धित मामले घोषित करने वाले उम्मीदवारोंमें 40 उम्मीदवारों को राजनीतिक दलों ने लोकसभा/राज्यसभा चुनाव के लिएटिकट दिया तथा 294 उम्मीदवारों को विभिन्न मान्यता प्राप्त दलों ने विधानसभाचुनावों के लिए टिकट दिया।
पिछले पांचवर्षों में लोकसभा/राज्यसभा चुनाव में 19 निर्दलीय उम्मीदवारों नेअपने ऊपर महिलाओं के ऊपर अत्याचार से सम्बन्धित मामले घोषित किये उसी तरह राज्य के विधानसभा चुनाव में 103 निर्दलीय उम्मीदवारों ने अपने ऊपर महिलाओं के ऊपर अत्याचार से सम्बन्धित मामले घोषित किये।
महिलाओंके ऊपर अत्याचार से सम्बन्धित मामले घोषित करने वाले सबसे ज़्यादा सांसद/विधायक इन राज्यों में हैं- महाराष्ट्र में 12, पश्चिम बंगाल में 11 औरउड़ीसा में6।
पिछले पाँच वर्षों के चुनाव में महिलाओं केऊपर अत्याचार से सम्बन्धित मामले घोषित करने वाले सबसे ज़्यादा उम्मीदवार इन राज्यों में हैं- महाराष्ट्र में 65, बिहारमें 62 एवंपश्चिम बंगाल में 52। इन सभीको राजनीतिकदलोंने टिकट दिये थे।
मुख्य दलों में महिलाओं के ऊपर अत्याचार से सम्बन्धित मामले घोषित करने वाले सांसद/विधायकों की संख्या- भाजपा के 14, शिव सेना के 7 और ऑल इण्डिया तृणमूल कांग्रेस के 6।
पिछले पाँच वर्षों के चुनाव में मुख्यदलों में महिलाओं के ऊपर अत्याचार से सम्बन्धित मामले घोषित करने वाले उम्मीदवारों कीसंख्या- भाजपाके 48, बसपा के36 और कांग्रेस के 27। (लोकसभा/राज्यसभा और विधानसभाओं को मिलाकर)।
चार ऐसे विधायकहैं जिन्होंने बलात्कार से सम्बन्धित मामले घोषित किये हैं- टीडीपी से गोनू गुंटला सूर्यनारायण (आन्ध्रप्रदेश/निर्वाचनक्षेत्र-धर्मावरम), कांग्रेस से सुबल साहू (उड़ीसा/निर्वाचन क्षेत्र-बीजेपुर), भाजपा से जेठा भाई जी आहिर (गुजरात/निर्वाचन क्षेत्र-शेहरा) और आरजेडी से गुलाब यादव (बिहार/निर्वाचन क्षेत्र-झांझरपुर)।
*पिछले 5 वर्षों में मान्यता प्राप्त दलों ने 29 उम्मीदवारों को टिकट दिया जिन्होंने अपने ऊपर बलात्कार से सम्बन्धित मामला घोषित किया।
*पिछले 5 वर्षों में14 निर्दलीय उम्मीदवारों ने लोकसभा/राज्यसभा एवं विधान सभाओं में चुनाव लड़ा जिन्होंने अपने ऊपर बलात्कार से सम्बन्धित मामला घोषितकिया।
रिपोर्ट कहती है किसभी बड़े राजनीतिक दल उन उम्मीदवारों को टिकट दे रहे हैं जिन पर महिलाओं के ऊपर अत्याचार सेसम्बन्धित मामले घोषित हैं। इस तरह से वो महिलाओं कीसुरक्षा एवं सम्मान को तरजीह नही दे रहेहैं। यह सभी गंभीर आपराधिक मामले हैं जिनमें या तो आरोपतय हो चुके हैं या फिर कोर्ट ने संज्ञान लिया है।
अतः हम कह सकते हैं कि राजनीतिक दलों ने इस तरह की परिस्थितियों को बढ़ावा दिया है जिसमें महिलाओं के खिलाफ अपराध होते है। बाद में इन्ही मुद्दों पर वह संसद एवं विधान सभा में सवाल उठाते हैं जिनका कोई महत्व नही रह जाता।
एडीआर और एनईडब्ल्यू ने दृढ़ता से सिफारिश की है कि-
*आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों के चुनाव लड़ने पर रोक लगनी चाहिए।
*राजनीतिक दलों को उन मानदंडो का खुलासा करना चाहिए जिन पर उम्मीदवारों को टिकट वितरित किये जाते हैं।
*जिन सांसद/विधायकों के ऊपर आपराधिक मामले लंबित हैं उन्हे फास्ट ट्रेक कोर्ट द्वारा समयबद्ध तरीके से पूरा किया जाना चाहिए।
* 334 उम्मीदवारों ने अपने ऊपर महिलाओं के ऊपर अत्याचार से सम्बन्धित मामले घोषित किये हैं जिन्हे राजनीतिक दलों ने टिकट दिया है।


