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वरुण गांधी ने लिखा सीएम योगी को पत्र : गन्ने का मूल्य 400 रुपये प्रति क्विंटल करने की मांग

उत्तर प्रदेश के पीलीभीत से भाजपा के लोकसभा सांसद वरुण गांधी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर गन्ने का मूल्य बढ़ाकर 400 रुपये प्रति क्विंटल करने की मांग की है

वरुण गांधी ने लिखा सीएम योगी को पत्र : गन्ने का मूल्य 400 रुपये प्रति क्विंटल करने की मांग
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नई दिल्ली, उत्तर प्रदेश के पीलीभीत से भाजपा के लोकसभा सांसद वरुण गांधी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर गन्ने का मूल्य बढ़ाकर 400 रुपये प्रति क्विंटल करने की मांग की है।

आईएएनएस से बातचीत करते हुए भाजपा सांसद वरुण गांधी ने कहा कि राज्य में गन्ना किसानों की हालत बहुत खराब है। मुख्यमंत्री ने गन्ने की कीमत में जो 25 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ोतरी की घोषणा की है उसके लिए मैं उनका आभार जताता हूं, लेकिन यह नाकाफी है। गन्ने की कीमत बढ़ाकर सरकार ने सही दिशा में कदम तो उठाया है लेकिन कर्ज में डूबे किसानों की दयनीय हालत को सुधारने के लिए मैं सरकार से और ज्यादा उदारता दिखाने की अपील करूंगा।

सीएम योगी को लिखे पत्र में वरुण गांधी ने गन्ने की खेती में बढ़ती लागत और महंगाई का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री से मांग की है कि या तो प्रदेश की सरकार गन्ने की कीमत को ही 400 रुपये प्रति क्विंटल घोषित कर दे या अगर किसी कारणवश और मूल्य वृद्धि करना संभव न हो तो उत्तर प्रदेश सरकार अपनी ओर से घोषित किए गए गन्ना मूल्य के ऊपर अलग से 50 रुपये प्रति क्विंटल का बोनस किसानों को देने की घोषणा करे।

आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश सरकार ने गन्ने के आगामी पेराई सत्र 2021-22 के लिए गन्ने के रेट में 25 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी करते हुए इसे 350 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है। वरुण गांधी ने इसे लेकर आभार जताते हुए यह भी लिखा कि पिछले चार सत्रों में गन्ने के रेट में केवल 10 रुपये प्रति क्विंटल की ही बढ़ोतरी की गई थी। जबकि पिछले चार सालों में गन्ने की लागत- खाद, बीज, कीटनाशक, बिजली, पानी, डीजल, मजदूरी और ढुलाई आदि का खर्चा बहुत बढ़ गया है।

वरुण गांधी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लिखे पत्र में इसका भी उल्लेख किया कि गन्ने की खेती में लगभग 50 लाख किसान परिवार लगे हैं और आज प्रदेश के गन्ना किसानों की आर्थिक हालत बहुत ही दयनीय बनी हुई है। गन्ने का उचित मूल्य ना मिलने के कारण प्रदेश के किसान कर्ज में डूब गए हैं।


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