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आदिवासी मतदाताओं को साधने के लिए भाजपा ने बनाई रणनीति

आगामी विधानसभा चुनावों और 2024 में होने वाले लोक सभा चुनाव के मद्देनजर आदिवासी मतदाताओं को साधने की रणनीति बनाने के लिए शुक्रवार को भाजपा राष्ट्रीय मुख्यालय में महत्वपूर्ण बैठक हुई

आदिवासी मतदाताओं को साधने के लिए भाजपा ने बनाई रणनीति
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नई दिल्ली। आगामी विधानसभा चुनावों और 2024 में होने वाले लोक सभा चुनाव के मद्देनजर आदिवासी मतदाताओं को साधने की रणनीति बनाने के लिए शुक्रवार को भाजपा राष्ट्रीय मुख्यालय में महत्वपूर्ण बैठक हुई। भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने शुक्रवार को नई दिल्ली स्थित पार्टी के राष्ट्रीय मुख्यालय में 'सामाजिक संवाद' थीम पर आयोजित महत्वपूर्ण बैठक में भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के तमाम पदाधिकारियों के साथ-साथ देश भर से आए जनजाति समाज के नेताओं, पदाधिकारियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ विचार-विमर्श कर आदिवासी समुदाय के बीच भाजपा की पैठ बढ़ाने की रणनीति तैयार की। भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा द्वारा आयोजित इस मंथन बैठक में भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महासचिव बीएल संतोष के अलावा आदिवासी समुदाय से आने वाले कई केंद्रीय मंत्री और भाजपा के दिग्गज नेता भी शामिल हुए।

दरअसल, इस साल के आखिरी महीनों में जिन दो राज्यों - गुजरात और हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं वहां अनुसूचित जनजाति यानि आदिवासी मतदाता जीत-हार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

गुजरात विधानसभा की कुल 182 सीटों में से 27 सीटें और हिमाचल प्रदेश विधानसभा की कुल 68 सीटों में से 3 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है। छत्तीसगढ़, ओडिशा और झारखंड सहित देश के कई राज्यों में आदिवासी मतदाताओं का बोलबाला है तो वहीं राजस्थान, कर्नाटक और मध्य प्रदेश जैसे कई अन्य राज्यों में भी चुनावी राजनीति के लिहाज से आदिवासी समुदाय की आबादी काफी महत्वपूर्ण है।

पूरे देश की बात की बात करें तो लोक सभा की कुल 543 सीटों में से 47 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है। यही वजह है कि कांग्रेस और भाजपा दोनों ही दलों के बीच आदिवासी समुदाय को लुभाने की होड़ मची हुई है और इस लिहाज से शुक्रवार को हुई भाजपा की बैठक को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

आने वाले दिनों में, भाजपा आदिवासी समुदाय के गौरव को बढ़ाने वाले निर्णयों और आदिवासी समुदाय के लिए लाभकारी जनकल्याणकारी योजनाओं और सरकार की उपलब्धियों को लेकर आदिवासी समुदाय के बीच जाकर उन्हें बताती नजर आएगी। आदिवासी क्षेत्रों में चलाए जाने वाले इन विशेष अभियानों के जरिए भाजपा इस समुदाय को पार्टी के साथ जोड़ने का पुरजोर प्रयास करेगी।


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