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राणा कपूर के खुलासे के बाद कांग्रेस पर बरसी भाजपा

यस बैंक के सह-संस्थापक राणा कपूर के इस आरोप पर प्रतिक्रिया देते हुए कि उन्हें प्रियंका गांधी वाड्रा से एम.एफ. हुसैन की पेंटिंग खरीदने के लिए दबाव दिया गया

राणा कपूर के खुलासे के बाद कांग्रेस पर बरसी भाजपा
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नई दिल्ली। यस बैंक के सह-संस्थापक राणा कपूर के इस आरोप पर प्रतिक्रिया देते हुए कि उन्हें प्रियंका गांधी वाड्रा से एम.एफ. हुसैन की पेंटिंग खरीदने के लिए दबाव दिया गया, भाजपा ने रविवार को आरोप लगाया कि गांधी परिवार और कांग्रेस न केवल जबरन वसूली करने वाले हैं, बल्कि सबसे अधिक बोली लगाने वाले को देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान को भी बेचते रहे हैं। यहां पार्टी मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा, "जब कांग्रेस सत्ता में थी, प्रियंका गांधी ने यह सुनिश्चित करने के लिए दबाव डाला कि 2 करोड़ रुपये की पेंटिंग कपूर द्वारा खरीदी जाए।"

भाटिया ने कहा, "राणा कपूर पेंटिंग के लिए 2 करोड़ रुपये नहीं देना चाहते थे, लेकिन तत्कालीन कांग्रेस सरकार के मंत्रियों ने उन पर दबाव डाला कि अगर वह प्रियंका गांधी से पेंटिंग नहीं खरीदते हैं, तो गांधी परिवार उन पर कहर बरपाएगा। उन्हें पेंटिंग खरीदने के लिए मजबूर किया, कपूर से कहा गया कि उन्हें पद्मभूषण मिलेगा।"

भाटिया ने आगे आरोप लगाया कि जब कांग्रेस सत्ता में थी, गांधी परिवार के सदस्य कुछ लोगों पर दबाव डाला करते थे कि अपराधों की आय का उपयोग करके वे कुछ पेंटिंग खरीद लें।

भाटिया ने कहा, "प्रियंका गांधी ने कपूर पर पूर्व मंत्री के जरिए दो करोड़ रुपये की पेंटिंग खरीदने का दबाव बनाया था।"

भाजपा प्रवक्ता ने कांग्रेस और प्रियंका गांधी से यह स्पष्ट करने को कहा कि क्या राणा कपूर को पद्म विभूषण का लालच देकर ऐसी पेंटिंग 2 करोड़ रुपये में बेची गई।

भाजपा के राष्ट्रीय सूचना और प्रौद्योगिकी विभाग के प्रभारी अमित मालवीय ने ट्वीट किया, "राणा कपूर के ईडी के सामने दिए गए बयान से यह बिल्कुल स्पष्ट है कि गांधी पारिवार और कांग्रेस न केवल जबरन वसूली करने वाले हैं, बल्कि देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान को सबसे अधिक बोली लगाने वाले या दरबारियों को भी बेच रहे थे। यह वफादारी खरीदने का एक साधन था या मौन।"

मालवीय ने आगे कहा, "पुरस्कार वापसी गिरोह की सच्चाई अब सामने आ रही है। वे या तो ऐसे लोग हो सकते हैं, जिन्होंने इन पुरस्कारों को खरीदा था या या इसे गांधी परिवार की प्रशंसा करने वालों को वितरित किया गया था। उस समय उनकी असहमति राजनीति से प्रेरित थी और यह अब कोई रहस्य नहीं है।"


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