उत्तर प्रदेश: जातिगत समीकरण में जुटी बीजेपी
उत्तर प्रदेश में 3 नवंबर को राज्य सभा की 8 सीटों पर मतदान होना है

उत्तर प्रदेश में 3 नवंबर को राज्य सभा की 8 सीटों पर मतदान होना है...बीजेपी ने 8 प्रत्याशियों की घोषणा की है लेकिन बीजेपी ने जिन नामों की घोषणा की है, उससे बीजेपी की जातिगत समीकरण साधने की कोशिश नज़र आ रही है ..लेकिन अब बीजेपी के एक प्रत्याशी का विवादित बयान सामने आया है... उत्तर प्रदेश में बीजेपी ने राज्यसभा चुनाव के लिए 8 प्रत्याशियों की घोषणा की है. अब बीजेपी ने तो घोषणा कर दी लेकिन राजनीतिक विश्लेषक प्रत्याशियों के नामों के आधार पर बीजेपी की जातिगत समीकरण साधने की कोशिश पर भी इशारा कर रहे हैं. चर्चा 8 में से दो क्षत्रिय के साथ दो ब्राह्मण प्रत्याशियों को जगह देने को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है. इसे कहीं न कहीं ब्राह्मण वोट बैंक की सियासत से जोड़कर देखा रहा है. ऐसा इसलीए क्योंकि काफी समय से योगी सरकार पर ब्राह्मणों की उपेक्षा, उत्पीड़न आदि का आरोप लग रहा है. बात करें बीजेपी की लिस्ट में जातियों की तो अरुण सिंह, नीरज शेखर क्षत्रिय, हरिद्वार दुबे और सीमा द्विवेदी ब्राह़्मण, बीएल वर्मा और गीता शाक्य पिछड़े वर्ग से हैं, जबकि यूपी के पूर्व डीजीपी बृजलाल एससी और हरदीप सिंह पुरी सिख हैं. अब इसी बीच ब्राह्मणों की सियासत को लेकर बीजेपी के राज्यसभा प्रत्याशी हरिद्वार दुबे ने विवादित बयान दे दिया. हरिद्वार दुबे ने कहा कि बीजेपी से ब्राह्मणों की नाराजगी सिर्फ नाटकबाजी है. ब्राह्मण बीजेपी से नाराज नहीं है. उन्होंने कहा, “ब्राह्मण ससुर जाएगा तो कहां जाएगा बताइए? ब्राह्मणों का बीजेपी के अलावा वाकई सम्मान नहीं है. बीजेपी का संबंध ब्राम्हणों से ऐसा है, जो कुछ कहा नहीं जा सकता. सब जानते है ब्राह्मणों को कहां जाना है? ये कई लोग हवा बनाते रहें, ब्राह्मण बीजेपी के साथ ही रहेगा.” बता दें कि हरिद्वार दुबे अयोध्या और शाहजहांपुर में आरएसएस के जिला प्रचारक भी रह चुके हैं. अब दुबे के इस बयान के मायने तो साफ हैं कि ब्राह्मण बीजेपी के साथ है. यानि कहीं न कहीं बीजेपी ने जातिय समीकरण भी साधने की कोशिश की है.


