मणिपुर में मुश्किल में बीजेपी, सीएम के खिलाफ पार्टी विधायकों ने की जांच की मांग
मणिपुर में हिंसा का मुद्दा लगातार सुर्खियों में बना हुआ है। पिछले साल शुरू हुई हिंसा अब थोड़ी कम जरूर हो गई है, लेकिन हालात को सामान्य होने में और वक्त लग सकता है। वहीं, अब मणिपुर के सीएम एन बीरेन सिंह को अपनों का ही विरोध झेलना पड़ रहा है। बीजेपी के 7 विधायकों ने ही सीएम बीरेन के खिलाफ जांच शुरू करने की मांग कर दी है

मणिपुर। मणिपुर में हिंसा का मुद्दा लगातार सुर्खियों में बना हुआ है। पिछले साल शुरू हुई हिंसा अब थोड़ी कम जरूर हो गई है, लेकिन हालात को सामान्य होने में और वक्त लग सकता है। वहीं, अब मणिपुर के सीएम एन बीरेन सिंह को अपनों का ही विरोध झेलना पड़ रहा है। बीजेपी के 7 विधायकों ने ही सीएम बीरेन के खिलाफ जांच शुरू करने की मांग कर दी है।
मणिपुर में हिंसा की वजह से जमीन पर अभी भी तनाव की स्थिति बनी हुई है। राज्य में हिंसा का दौर भले ही थम गया है, लेकिन हालात अब भी सामान्य नहीं हुए हैं। मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के खिलाफ भी लगातार आवाजें उठ रही हैं और उनके खिलाफ विपक्ष लंबे वक्त से मोर्चा खोले हुए हैं। सीएम को हटाने की मांग की जा रही है।
इस बीच बीजेपी के नेता अपने ही सीएम के खिलाफ होते जा रहे है। बीजेपी के ही 7 विधायकों ने सीएम बीरेन सिंह के खिलाफ जांच के लिए आयोग गठित करने की मांग की है।10 कूकी विधायकों ने जांच की मांग की है, जिनमें से 7 सत्ताधारी दल बीजेपी के ही हैं। इन लोगों का कहना है कि हिंसा की घटनाओं की जांच के लिए आयोग गठित होना चाहिए। इसमें यदि एन. बीरेन सिंह को दोषी पाया जाए तो उनके खिलाफ ऐक्शन हो।
असल में मणिपुर में मैतेई बनाम कुकी समाज के बीच हिंसा जारी है। खुद मुख्यमंत्री मैतेई समुदाय से आते हैं, ऐसे में विपक्ष लगातार उन पर आरोप लगाता रहा है कि कुकी समाज के खिलाफ जो हिंसा हुई है, उसे सीएम का समर्थन मिला। इन लोगों ने कहा कि सीएम ने अपने रवैये से मैतेई समुदाय के असमाजिक तत्वों को छूट दी थी।
विधायकों ने कहा कि सीएम ने हिंसा की छूट दी थी। इन विधायकों ने मणिपुर टेप्स के नाम से एक ऑडियो टेप भी जारी किया है। विधायकों का कहना है कि पूरे राज्य से करीब 5000 हथियार पुलिस बल से लूटे गए हैं, लेकिन इस मामले में कोई गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। जिसके बाद बीजेपी के ही 7 विधायकों के मुख्यमंत्री के खिलाफ उतरने से पार्टी की मुश्किल भी बढ़ गई है और सीएम पर एक्शन का दबाव भी है। मणिपुर में सीएम की मुश्किलें बढ़ती दिखाई दे रही है।


