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भाजपा आलाकमान कर्नाटक में अंतिम सूची पर कर रहा विचार

कर्नाटक सरकार में नेतृत्व परिवर्तन संभावित है, लेकिन भाजपा आलाकमान ने अभी तक मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा का उत्तराधिकारी तय नहीं किया है

भाजपा आलाकमान कर्नाटक में अंतिम सूची पर कर रहा विचार
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बेंगलुरु। कर्नाटक सरकार में नेतृत्व परिवर्तन संभावित है, लेकिन भाजपा आलाकमान ने अभी तक मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा का उत्तराधिकारी तय नहीं किया है। हालांकि, आलाकमान कर्नाटक प्रांत (क्षेत्र) की आरएसएस इकाई के परामर्श से तैयार की गई अंतिम सूची में से तीन उम्मीदवारों पर विचार कर रहा है। सूत्रों के मुताबिक, अंतिम सूची में केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री और कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी, राष्ट्रीय महासचिव सी.टी. रवि, विधायक और पूर्व केंद्रीय मंत्री बसवनगौड़ा पाटिल यतनाल, विधानसभा अध्यक्ष विश्वेश्वर हेगड़े कागेरी, खनन मंत्री मुरुगेश निरानी और विधायक अरविंद बेलाड का नाम है। राष्ट्रीय संगठन सचिव बी.एल. संतोष का नाम भी चर्चा में है।

आलाकमान कर्नाटक में विभिन्न संभावनाओं के बारे में सोच रहा है, क्योंकि इसे दक्षिण भारत का प्रवेशद्वार कहा जा रहा है। इसमें जाति, क्षेत्र, हिंदुत्व सिद्धांतों के प्रति निष्ठा, पार्टी को येदियुरप्पा के साये से बाहर निकालने की क्षमता आदि शामिल हैं।

पार्टी 2023 में होने वाले अगले विधानसभा चुनाव को जीतने पर भी ध्यान केंद्रित कर रही है। रणनीति मुख्यमंत्री के रूप में एक ऐसे उम्मीदवार को स्थापित करने की है, जो जाति की राजनीति को काट सकता है और सभी जातियों को हिंदुत्व की छतरी के नीचे ला सकता है।

केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी कर्नाटक में पार्टी अध्यक्ष रह चुके हैं और उन्हें राज्य में भाजपा के लिए 1 करोड़ सदस्यों को नामांकित करने का श्रेय दिया जाता है। 'कश्मीर बचाओ आंदोलन' और 'हुबली के ईदगाह मैदान में ध्वजारोहण आंदोलन' में उनकी भागीदारी का उन्हें अतिरिक्त लाभ मिल सकता है।

एक पूर्व मंत्री सी.टी. रवि, जिन्हें येदियुरप्पा ने ठुकरा दिया था और अब पार्टी ने उन्हें उच्च पद पर पहुंचा दिया है। पार्टी के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि अगर आलाकमान लिंगायत समुदाय के अलावा किसी अन्य उम्मीदवार को नेतृत्व देने का फैसला करता है, तो उसके पास एक बेहतर मौका है।

बसवनगौड़ा पाटिल यतनाल, जो अपने उग्र भाषणों के लिए जाने जाते हैं, उत्तरी कर्नाटक के एक लिंगायत नेता हैं। पार्टी को लगता है कि वह निर्दलीय विधायकों के समर्थन से येदियुरप्पा को दरकिनार करने वाले व्यक्ति हो सकते हैं।

विश्वेश्वर हेगड़े कागेरी, एक वरिष्ठ नेता हैं और राज्य में पार्टी के सबसे वफादार लोगों में से हैं। उनकी साफ-सुथरी छवि उन्हें सीएम पद दिलाने में मदद कर सकती है।

हालांकि लिंगायत मुरुगेश निरानी का भी नाम चर्चा में है, लेकिन कहा जाता है कि आलाकमान फैसला लेने से पहले उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों और अदालती मामलों पर विचार कर रहा है।

सूत्रों के अनुसार, पार्टी भाजपा के लिंगायत विधायक अरविंद बेलाड, गृहमंत्री बसवराज बोम्मई और राष्ट्रीय संगठन सचिव बी.एल. संतोष के नाम पर भी विचार किया जा रहा है।

हालांकि, पार्टी किसी नए चेहरे की घोषणा करे तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए, क्योंकि भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने अन्य राज्यों में ऐसा प्रयोग किया है।


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