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‘भाजपा सरकार उड़ा रही संविधान की धज्जियां’, कांवड़ यात्रा नेमप्लेट विवाद पर बोलीं महबूबा मुफ्ती

उत्तर प्रदेश सरकार ने कांवड़ यात्रा के मार्गों पर पड़ने वाली दुकानों और रेहड़ी के आगे नेम प्लेट लगाने का आदेश जारी किया है। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के इस फैसले को लेकर विपक्ष की ओर से लगातार सवाल उठाए जा रहे हैं। इस विवाद पर पीडीपी प्रमुख और जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने प्रतिक्रिया दी है

‘भाजपा सरकार उड़ा रही संविधान की धज्जियां’, कांवड़ यात्रा नेमप्लेट विवाद पर बोलीं महबूबा मुफ्ती
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श्रीनगर। उत्तर प्रदेश सरकार ने कांवड़ यात्रा के मार्गों पर पड़ने वाली दुकानों और रेहड़ी के आगे नेम प्लेट लगाने का आदेश जारी किया है। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के इस फैसले को लेकर विपक्ष की ओर से लगातार सवाल उठाए जा रहे हैं। इस विवाद पर पीडीपी प्रमुख और जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने प्रतिक्रिया दी है।

महबूबा मुफ्ती ने कहा, “ये तो पहले ही साफ हो चुका है कि भाजपा सरकार संविधान की धज्जियां उड़ा रही है। हमारा संविधान सबको बराबरी का हक देता है, वह यह नहीं पूछता है कि आपका धर्म क्या है। लेकिन इस सरकार ने संविधान का मजाक बना दिया है।”

उन्होंने राहुल गांधी के बयान का जिक्र करते हुए कहा, “कांग्रेस नेता ने सही कहा था कि अगर ये लोग 400 पार हो गए तो संविधान को खत्म कर देंगे, लेकिन इन्होंने लोकसभा चुनाव से कोई सबक नहीं लिया। भाजपा 350 सीटों से 240 पर आकर सिमट गई, लेकिन भाजपा संविधान के खिलाफ जाकर ऐसी हरकतें कर रही है। इससे देश का माहौल बिगड़ने का खतरा है।”

महबूबा मुफ्ती ने दावा किया, "मेरा मानना है, जिन लोगों ने भाजपा को वोट दिया। अब उन्हें भी इस बात का अहसास होने लगा है कि यह किसी भी तरीके से संविधान को खत्म करना चाहते हैं। पहले मुसलमानों के हक को खत्म करेंगे। फिर दलितों और पिछड़े लोगों की बारी आएगी, क्योंकि भाजपा का मकसद एक अलग निजाम बनाना हैं। यही वजह है कि जो इन्होंने यूपी में किया, वो देश के संविधान के खिलाफ है। पीएम मोदी को भी अपनी चुप्पी तोड़नी चाहिए और बताना चाहिए कि क्या वह इस फैसले के साथ है या इसके खिलाफ हैं।"

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने कांवड़ रूट में पड़ने वाली सभी दुकानों, ढाबों और ठेलों पर नेम प्लेट लगाना अनिवार्य कर दिया है। उनके इस फैसले को लेकर आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी है। जहां प्रदेश सरकार इसे किसी भी अनचाही परिस्थिति से बचने के इरादे से उठाया गया कदम बता रही है तो विपक्ष इसे संविधान के मूलभूत सिद्धांतों के विरुद्ध बता रहा है। कांवड़ यात्रा 22 जुलाई से शुरू हो रही है।


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