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नौकरी के नाम पर युवकों को धोखा दे रही है भाजपा सरकार : अखिलेश

समाजवादी पार्टी(सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आरोप लगाया है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार नौकरी के नाम पर युवको को दे रही है

नौकरी के नाम पर युवकों को धोखा दे रही है भाजपा सरकार : अखिलेश
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लखनऊ। समाजवादी पार्टी(सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आरोप लगाया है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार नौकरी के नाम पर युवको को दे रही है।

श्री यादव ने गुरूवार को बयान जारी कर कहा कि बेरोजगारी चरम पर है, भाजपा सरकार नौकरी के नाम पर युवकों को धोखा दे रही है। कोरोना महामारी से पूरा देश भयाक्रांत है। लाॅकडाउन ने सामाजिक-आर्थिक सभी गतिविधियां ठप्प कर दी हैं। लाखों श्रमिक बेरोजगार हो गए हैं। बेरोजगारी सुरसा की तरह आकार बढ़ाती जा रही है।

उन्होंने कहा कि पार्टी कार्यकर्ता राज्य और केन्द्र की भाजपा सरकारों की अक्षम्य गलतियों तथा जनविरोधी नीतियों का जन-जन के बीच जाकर पर्दाफाश करें और पीड़ित, दुःखी तथा असहाय लोगों की यथासम्भव मदद करें। देश की सीमाएं सिकुड़ रही है। भाजपा ने जनता का भरोसा तोड़ने का काम किया है।

श्री यादव ने कहा कि भाजपा ने सत्ता में आने के बाद जनहित का कोई उल्लेखनीय कार्य नहीं किया है। जनता अपने साथ हुए विश्वासघात को भूल नहीं सकती है। सपा का मुख्य लक्ष्य उत्तर प्रदेश में कुशासन का पर्याय बन गई भाजपा सरकार को सन् 2022 के चुनावों में सत्ता से बेदखल करना है।

उन्होंने कहा कि सपा महात्मा गांधी, डाॅ0 राममनोहर लोहिया, डाॅ0 भीम राव अम्बेडकर, आचार्य नरेन्द्र देव, लोक नायक जयप्रकाश नारायण और चौधरी चरण सिंह के बताए हुए रास्ते पर चलते हुए आर्थिक-सामाजिक गैरबराबरी और सभी किस्म की विषमताओं के विरूद्ध संघर्षरत रही है।

श्री यादव ने कहा कि भाजपा की केन्द्र सरकार ने देश को आर्थिक अराजकता, मंदी, अपराध और लोकतंत्र के अवमूल्यन की दिशा में ढकेला है। साजिश और अफवाह, यही भाजपा के हथियार है। उन्होंने कहा भाजपा की एकाधिकारी प्रवृत्ति की आशंका प्रबल होती दिखती है। आज के दिन ही देश में लोकतंत्र को तानाशाही का शिकार बनाया गया था। जब उसके विरोध में जनता उठी तो दूसरी आजादी की रक्षा हो सकी। आज फिर वैसी संक्रमण कालीन स्थिति बन रही है। किसान के विरूद्ध गहरी साजिश के तहत कारपोरेट पूंजीवाद को बढ़ावा दिया जा रहा है। संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर किया जा रहा है। साम्प्रदायिकता और जातियों के बीच नफरत लोकतंत्र को कमजोर करती है।


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