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कांग्रेस का दावा, एमवीए सरकार गिराने में मदद के बदले भाजपा ने पी.बी सिंह को 'उपहार' दिया

महाराष्ट्र कांग्रेस ने एक तीखा हमला करते हुए सत्तारूढ़ गठबंधन में सहयोगी भाजपा पर महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार को गिराने में मदद के बदले मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परम बीर सिंह को 'उपहार' दिया है

कांग्रेस का दावा, एमवीए सरकार गिराने में मदद के बदले भाजपा ने पी.बी सिंह को उपहार दिया
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मुंबई। महाराष्ट्र कांग्रेस ने मंगलवार को एक तीखा हमला करते हुए सत्तारूढ़ गठबंधन में सहयोगी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार को गिराने में मदद के बदले मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परम बीर सिंह को 'उपहार' दिया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि भाजपा ने अब सिंह को उपहार दिया है, जिन्हें पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली एमवीए सरकार ने निलंबित कर दिया था। शिंदे-फडणवीस सरकार ने उपहार के रूप में पूर्व शीर्ष पुलिस अधिकारी के निलंबन और अन्य मुद्दों को रद्द कर दिया।

पटोले ने कहा, "एंटीलिया (उद्योगपति मुकेश अंबानी के आवास) के बाहर जिलेटिन से भरी गाड़ी लगाने की साजिश रचने या एक मंत्री पर 100 करोड़ रुपये रिश्वत लेने का आरोप लगाकर एमवीए सरकार को बदनाम करने की पूरी साजिश विफल हो गई है। अब यह भी स्पष्ट हो गया है कि पी.बी. सिंह देवेंद्र फडणवीस के हाथों की कठपुतली थे।"

उन्होंने कहा कि पी.बी. सिंह का एहसान चुकाने के लिए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और (डिप्टी सीएम) फडणवीस की सरकार ने उचित कानूनी प्रक्रिया का पालन किए बिना उनका निलंबन वापस लेकर उनकी सम्मानजनक बहाली में मदद की है।

पटोले ने कहा, "केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) के स्पष्ट रूप से यह कहने के बावजूद कि बॉम्बे हाईकोर्ट ने सीबीआई को सिंह के खिलाफ जांच करने, चार्जशीट दाखिल करने और विभागीय जांच करने का स्पष्ट आदेश दिया है, ऐसा किया गया।"

पटोले ने दावा किया कि शिंदे सरकार ने न तो पी.बी. सिंह के निलंबन की समीक्षा की और न ही मामले की विभागीय जांच कराई। इसलिए सिंह को कैट के समक्ष सुनवाई में राहत मिल गई।

पटोले ने कहा, "जब मैं महाराष्ट्र विधानसभा का अध्यक्ष था, मैं दिल्ली में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मिला था, जिन्होंने कहा था कि कुछ लोगों ने उन्हें सिंह से संबंधित एक भ्रष्टाचार की फाइल दी थी। उन्होंने यह भी कहा था कि एक संबंधित व्यक्ति ने उस फाइल की कॉपी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राज्य के मुख्यमंत्री को भेजी थी।"

पटोले ने आगे कहा, "यह स्पष्ट है कि भले ही पीएमओ, सीएमओ और लोकसभा अध्यक्ष के कार्यालय को सिंह के भ्रष्टाचार के बारे में पूरी तरह से पता था, लेकिन राज्य की भाजपा सरकार ने उनके खिलाफ कोई कार्रवाई करना तो दूर, एक साधारण जांच तक नहीं की और पूर्व पुलिस अधिकारी को अब क्लीन चिट दे दी गई है।"

उन्होंने शिंदे-फडणवीस सरकार पर तकनीकी आधार पर सिंह को बचाने के लिए जानबूझकर मामले को कमजोर करने का भी आरोप लगाया और कहा कि उनकी मानसिकता अब लोगों के सामने पूरी तरह से बेनकाब हो चुकी है।


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