हिन्दुत्व की जगह मुस्लिम राग अलाप रही BJP
देश में अगले साल 5 राज्यों में विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं...जिसे लेकर राजनीतिक दलों ने अपनी कमर कस ली है...जहां एक तरफ कांग्रेस हिंदुत्व की राह पर चलने के साथ-साथ मुस्लिम कार्ड खेल रही है. तो वहीं बीजेपी भी उसी राह पर चल पड़ी है...बीजेपी पहली बार मुसलमान मतदाताओं को साधने के लिए अपनी टीम मैदान में उतारेगी...इसका ब्लू प्रिंट तैयार हो गया है.

देश की सियासत हमेशा से ही हिन्दू और मुस्लिम के इर्द-गिर्द घूमती रही है...जैसे-जैसे चुनाव आते हैं राजनीतिक दल हिन्दू और मुस्लिम की सियासत करने लग जाते हैं...अब देश के 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं...ऐसे में एक बार फिर देश में धर्म की राजनीति ने जोर पकड़ लिया है...जहां बीजेपी पहले हिंदुओं की हितैषी बनने का दावा कर रही थी, तो वहीं अब मौके की नजाकत को देखते हुए पार्टी ने मुस्लिम राग अलापना शुरू कर दिया है...बीजेपी पहली बार मुसलमान मतदाताओं को साधने के लिए अपनी टीम मैदान में उतारेगी...इसका ब्लू प्रिंट तैयार हो गया है...प्रयोग के तौर पर पार्टी उन बूथों पर ध्यान केंद्रित करेगी जहां मुस्लिम मतदाताओं की संख्या 70 फीसदी से अधिक है और पसमांदा मुसलमानों की तादाद ज्यादा है...पार्टी सूत्रों के मुताबिक मुसलमानों को साधने का पार्टी की ओर से ये पहला प्रयोग है...कार्यकर्ता केंद्रीय योजनाओं के लाभार्थियों को मोदी सरकार के सात साल के कार्यकाल के दौरान इस वर्ग की भलाई के लिए हुए कार्यों का ब्योरा देंगे...यह तय किया गया है कि इस बार के चुनाव में मुस्लिम बहुल सभी बूथों पर पार्टी के कार्यकर्ता मुस्तैदी से जुटे रहेंगे। मुस्लिम बहुल विधानसभा सीटों पर 100 नए सक्रिय कार्यकर्ताओं की टीम तैयार की जाएगी...अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि चाहे प्रधानमंत्री आवास योजना हो या किसान सम्मान निधि योजना या फिर कोई अन्य योजना...बीते सात सालों में मुसलमानों को उनकी आबादी के अनुपात में अन्य वर्ग की तुलना में दोगुना लाभ मिला है। खासतौर पर उत्तर प्रदेश में मुसलमानों की आबादी करीब 18 फीसदी है, जबकि इन योजनाओं में इस बिरादरी की हिस्सेदारी 30 से 35 फीसदी है। शैक्षणिक छात्रवृत्तियों में ऐतिहासिक बढ़ोतरी हुई है...बीजेपी की इस योजना से साफ है कि अबकी बार उसका ध्यान मुसलमानों पर है... तो देखना होगा कि क्या बीजेपी मुसलमान को अपने पाले में करने में सफल होती है या नहीं।


