Top
Begin typing your search above and press return to search.

किसानों को बदनाम कर रही भाजपा : आप

पंजाब में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) ने गुरुवार को आरोप लगाया कि गुजरात के मोरबी में हाल में हुए पुल हादसे से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए भारतीय जनता पार्टी पराली जलाने के मामले पर पंजाब के किसानों को बदनाम कर रही है

किसानों को बदनाम कर रही भाजपा : आप
X

चंडीगढ़। पंजाब में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) ने गुरुवार को आरोप लगाया कि गुजरात के मोरबी में हाल में हुए पुल हादसे से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए भारतीय जनता पार्टी पराली जलाने के मामले पर पंजाब के किसानों को बदनाम कर रही है।

पार्नेटी प्रवक्ता मलविंदर सिंह कंग ने यहां संवाददाता सम्मेलन में दावा किया कि पराली जलाने के मामले में पंजाब सरकार नेे मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में ठोस कदम उठाए हैं और इस बार पिछले वर्षों की तुलना में इन मामलों में भारी गिरावट आई है।

उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा पंजाब के किसानों को बदनाम कर और देश में बढ़ते प्रदूषण के लिए उन्हें दोषी ठहराकर गुजरात में मोरबी पुल त्रासदी से लोगों का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है।

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पिछले साल किसानों ने तीन कृषि कानूनों को रद्द करने के लिए केंद्र की मोदी सरकार को मजबूर कर दिया था इसलिए भाजपा किसानों से बदला लेने के लिए प्रतिशोध की राजनीति कर रही है।

उन्होंने कहा कि हरियाणा में भाजपा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने भी पंजाब के किसानों पर बेबुनियाद आरोप लगाए हैं। जबकि एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) के उत्तर भारत के आंकड़ों के अनुसार 32 शहरों में पंजाब के केवल तीन शहर ही प्रदूषित हैं और प्रदूषित शहरों की सूची में हरियाणा के नौ से अधिक शहर शामिल हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा अपना रुख स्पष्ट करे कि हरियाणा के फरीदाबाद, मानेसर, गुड़गांव, सोनीपत और मध्य प्रदेश के ग्वालियर, इंदौर और अन्य राज्यों में जहां उनकी सरकार है,वहां सबसे खराब एक्यूआई पर उसके नेता चुप क्यों हैं?

आप प्रवक्ता ने हरियाणा के मुख्यमंत्री को लोगों को यह बताने की चुनौती दी कि उन्होंने राज्य में प्रदूषण की स्थिति को सुधारने के लिए क्या किया है और पराली जलाने के मामलों से निपटने के लिए कितने किसानों को मशीनें बांटी हैं।

श्री कंग ने दावा कि श्री मान ने पराली न जलाने के लिए किसानों को 2500 रुपये की आर्थिक सहायता देने की पेशकश की लेकिन केंद्र ने इस प्रस्ताव को स्वीकार करने के बजाय किसानों को किसी भी तरह की सहायता देने से साफ इनकार कर दिया।

उन्होंने कहा कि मान सरकार ने 2022-23 में किसानों को 35,583 फसल अवशेष प्रबंधन मशीनें दी हैं, जो कांग्रेस सरकार की 2021-22 में वितरित की गई 13,796 मशीनों की तुलना में तीन गुना अधिक हैं।

उन्होंने कहा कि बड़ी हैरानी की बात है कि केंद्र सरकार राष्ट्रीय हरित अधिकरण (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) के माध्यम से किसानों के खिलाफ प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज करने के लिए अधिकारियों पर दबाव बना रही है। उन्होंने आरोप लगाया यह भाजपा का किसानों के प्रति दोहरा मापदंड और किसान विरोधी रवैये को उजागर करता है।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it