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दल-बदलने का दौरा जारी, भाजपा पार्षद 'हाथ’ के साथ करेंगे तैयारी

सोमवार को जहां आप विधायक ने इस्तीफा देकर भाजपा की सदस्यता ली, तो वहीं भाजपा को अगले ही दिन झटका लग गया। निगम चुनाव में भाजपा के मौजूदा पार्षद को टिकट न देने के ऐलान के बाद भाजपा की राहें मुश्किल

दल-बदलने का दौरा जारी, भाजपा पार्षद हाथ’ के साथ करेंगे तैयारी
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नई दिल्ली, 28 मार्च (देशबन्धु)। दिल्ली नगर निगम चुनाव की सुगबुगाहट से नेताओं के दल-बदलने का सिलसिला शुरू हो गया है।

सोमवार को जहां आप विधायक ने इस्तीफा देकर भाजपा की सदस्यता ली, तो वहीं भाजपा को अगले ही दिन झटका लग गया।

दरअसल, निगम चुनाव में भाजपा के मौजूदा पार्षद को टिकट न देने के ऐलान के बाद भाजपा की राहें मुश्किल होती दिख रही हैं।

भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी बेशक पार्षदों की ओर से विरोध न होने की दुहाई दे रहे हों, लेकिन भाजपा पार्षद अपने टिकट को पक्का कराने को लेकर विचलित दिखाई दे रहे हैं।

कालका जी विधानसभा स्थित गोविंदपुरी वार्ड में भाजपा से मौजूदा पार्षद चंद्र्रप्रकाश ने इसी ऊहापोह के बीच कमल छोड़ हाथ से हाथ मिला लिया है। यह भाजपा के लिए बड़ी बात बेशक न हो, लेकिन एक बड़ा संकेत जरूर है।

कालका जी विधानसभा क्षेत्र के गोविंदपुरी वार्ड से भाजपा के पार्षद चंद्रप्रकाश ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रमेश कुमार व सुभाष चोपड़ा की मौजूदगी में कांग्रेस का दामन थामा।

इस कार्यक्रम में कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन के भी शामिल होने की जानकारी थी, लेकिन किसी कारणवश वह कार्यक्रम में नहीं आए।

चंद्रप्रकाश ने कहा कि जब वे गोविन्दपुरी वार्ड से निगम पार्षद चुने गए थे, उस समय कांग्रेस से सुभाष चोपड़ा कालकाजी विधानसभा से विधायक थे। सुभाष चोपड़ा की कोशिशों के कारण ही गोविन्दपुरी के तीन हजार झुग्गी झोपड़ी वालों के लिए इन-सेतू प्रोजेक्ट के तहत जहां झुग्गियां, वहीं मकान बनाने की शुरुआत हुई थी। इन फ्लैटों को बनाने का काम वर्ष 2013 में शुरु हो गया था जो अगले तीन वर्षो में बनकर तैयार होने थे, लेकिन सुभाष के कालकाजी विधानसभा का चुनाव हार जाने के बाद आप पार्टी की दिल्ली सरकार ने झुग्गीवालों के लिए बनाये जा रहे इन फ्लैटों के निर्माण के कार्य को रोक दिया।

पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व विधायक सुभाष चोपड़ा ने कहा कि चंद्रप्रकाश कांग्रेस परिवार के ही थे, जो किन्ही कारणों से भाजपा में चले गए थे। अब वह कांग्रेस में इसलिए शामिल हुए हैं, क्योंकि उन्हें अपना भविष्य यहां सुरक्षित दिखाई देता है, कांग्रेस ही गरीबों के उत्थान के लिए कार्य करती है। उन्होंने दावा किया कि चन्द्रप्रकाश बिना शर्त के कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए हैं।

कांग्रेस सूत्र मानते हैं कि आगामी निगम चुनाव में कांग्रेस इनको टिकट दे सकती है, ऐसे में चंद्रप्रकाश भाजपा में रहकर टिकट के लिए पार्टी के भरोसे नहीं बैठना चाहते थे।

बता दें कि इससे पहले भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने मौजूदा पार्षदों को टिकट न देने का ऐलान किया था, जिसके बाद मौजूदा पार्षदों में विरोध शुरू हो गया था। हालांकि बाद में अध्यक्ष तिवारी ने पार्षदों को अपने खेमे में बुलाने के लिए आश्वासन जरूर दिया था कि सभी पार्षदों के टिकट नहीं कटेंगे, बल्कि वरिष्ठ नेता उनके कार्यों की समीक्षा करेंगे और फिर मापदंडों पर खरे उतरने वाले कुछ पार्षदों को टिकट दिया जाएगा।


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