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सूखेे से जूझ रहे किसानों की स्थिति पर भाजपा ने कर्नाटक सरकार को घेरा

कर्नाटक में सूखेे से जूझ रहे किसानों की स्थिति पर विपक्ष के नेता आर अशोक ने राज्य सरकार पर हमला बोला है

सूखेे से जूझ रहे किसानों की स्थिति पर भाजपा ने कर्नाटक सरकार को घेरा
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बेंगलुरु। कर्नाटक में सूखेे से जूझ रहे किसानों की स्थिति पर विपक्ष के नेता आर अशोक ने राज्य सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि या तो उसे पिछली भाजपा सरकार की तरह किसानों को मुआवजा देना चाहिए या उसे भंग कर देना चाहिए।

अशोक राजभवन में राज्यपाल थावर चंद गहलोत को सूखा अध्ययन रिपोर्ट सौंपने के बाद मीडिया से बात कर रहे थे।

अशोक ने उस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई और अन्य भाजपा नेता शामिल थे। उन्होंने राज्यपाल को किसानों के सामने आने वाले संकट के बारे में भी जानकारी दी।

बीजेपी नेता ने आरोप लगाया, ''हमने राज्यपाल से मुलाकात की है और कांग्रेस सरकार के गैर जिम्मेदाराना रवैये के बारे में बताया है। करीब 600 किसान आत्महत्या कर चुके हैं और सरकार को कोई चिंता नहीं है। अधिकारी तो आ गए लेकिन, मंत्री किसानों से नहीं मिले।''

उन्होंने कहा, ''सूखे की वजह से उत्तरी कर्नाटक क्षेत्र से पलायन शुरू हो गया है। पांच माह के सूखे के बाद भी कांग्रेस सरकार ने एक पैसे का मुआवजा नहीं दिया है। मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने मुआवजे की घोषणा की। लेकिन, यह उन तक नहीं पहुंचा है। कांग्रेस ने कृषक समुदाय को अनाथ कर दिया है। लेकिन कांग्रेस नेता दावा कर रहे हैं कि केंद्र सरकार मदद के लिए आगे नहीं आ रही है।''

अशोक ने कहा, ''जब बसवराज बोम्मई मुख्यमंत्री थे तो केंद्र से सहायता की प्रतीक्षा किए बिना राज्य प्रशासन ने ऐसी ही स्थिति में मुआवजा प्रदान किया था। प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के माध्यम से भाजपा सरकार ने 3,000 करोड़ रुपये अतिरिक्त मुआवजा दिया था।''

उन्होंने कहा, ''यह सरकार केवल दिखावा करने में लगी है। जब हमारी सरकार एक-दो माह में मुआवजा जारी कर सकती है तो कांग्रेस को भी किसानों को सहायता देनी चाहिए।''

उन्होंने कहा “सूखे के छह महीने बीत चुके हैं। जो लोग मुसलमानों के लिए 1,000 करोड़ रुपये देते हैं, वे किसानों के मामले में इसे 100 करोड़ रुपये तक सीमित कर देंगे। यदि वे मुआवजा नहीं दे सकते, तो उन्हें इस्तीफा दे देना चहिए।''

उन्होंने सरकार से दो लाख रुपये तक के कृषि ऋण माफ करने की भी मांग की।


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