Top
Begin typing your search above and press return to search.

कर्नाटक चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवारों को अपने-अपने पक्ष में करने की कोशिश में जुट , भाजपा-कांग्रेस

कर्नाटक विधानसभा की 224 सीटों के लिए 10 मई को डाले गए वोटों की गिनती शनिवार को होनी है।

कर्नाटक चुनाव में  निर्दलीय उम्मीदवारों को अपने-अपने पक्ष में करने की कोशिश में जुट , भाजपा-कांग्रेस
X

बेंगलुरु, कर्नाटक विधानसभा की 224 सीटों के लिए 10 मई को डाले गए वोटों की गिनती शनिवार को होनी है। एग्जिट पोल में किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत मिलता नहीं दिख रहा है। ऐसे में दोनों प्रमुख दल भाजपा और कांग्रेस ऐसे निर्दलीय उम्मीदवारों को अपने-अपने पक्ष में करने की कोशिश में जुट गई हैं जिनके जीतने की उम्मीद है। सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस पहले ही धारवाड़ जिले के कुंदगोल निर्वाचन क्षेत्र के एस.आई. चिक्कनगौदर से संपर्क कर चुकी है। यहां सीधा मुकाबला चिक्कनगौदर और भाजपा उम्मीदवार एम.आर. पाटिल के बीच है।

चिक्कनगौदर की संभावित जीत की खबरों को देखते हुए कांग्रेस ने उन्हें पार्टी से हाथ मिलाने के लिए पहले ही आमंत्रित कर दिया है। सूत्रों का कहना है कि चिक्कनगौदर पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टर के अनुयायी हैं, जिनके जरिए पार्टी उनसे संपर्क कर रही है।

भाजपा द्वारा टिकट नहीं दिए जाने के बाद चिक्कनगौदर निर्दलीय चुनाव लड़े थे। राष्ट्रीय दलों ने भी एम.पी. लता मल्लिकार्जुन से भी संपर्क किया है जो बेल्लारी जिले की हरपनहल्ली सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रही हैं।

लता कांग्रेस के दिवंगत वरिष्ठ नेता एम.पी. प्रकाश की बेटी हैं। कांग्रेस ने उन्हें टिकट नहीं दिया था।

सूत्र बताते हैं कि मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने निजी तौर पर फोन कर उनसे बात की है। मनमुटाव दूर करने के लिए कांग्रेस के नेता भी उनसे पहले ही संपर्क कर चुके हैं।

पिछले विधानसभा चुनाव में 2018 में एक मात्र निर्दलीय उम्मीदवार जीता था जबकि 2013 के चुनावों में नौ निर्दलीय उम्मीदवार चुने गए थे और उन्हें 7.4 प्रतिशत वोट मिले थे। इससे पहले 2008 में छह जबकि 2004 में 17 निर्दलीय जीते थे। सन् 1999 के चुनावों में 19 निर्दलीय उम्मीदवार राज्य विधानसभा के लिए चुने गए थे।

इस बार बगावत और टिकट न मिलने के कारण कई संभावित उम्मीदवारों ने निर्दलीय चुनाव लड़ा है और उनके जीतने की अच्छी संभावना है। नतीजों की फोटो फिनिश भविष्यवाणी के साथ राजनीतिक पार्टियां मजबूत प्रत्याशियों को लुभा रही हैं


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it