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राज्यसभा के लिए भाजपा के 11 उम्मीदवार, तगड़ा संघर्ष तय

उत्तर प्रदेश से राज्यसभा की दस सीटों के लिए हो रहे चुनाव में सोमवार को वित्त मंत्री अरुण जेटली समेत 13 उम्मीदवारों ने अपने अपने पर्चे दाखिल किए

राज्यसभा के लिए भाजपा के 11 उम्मीदवार, तगड़ा संघर्ष तय
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लखनऊ। उत्तर प्रदेश से राज्यसभा की दस सीटों के लिए हो रहे चुनाव में सोमवार को वित्त मंत्री अरुण जेटली समेत 13 उम्मीदवारों ने अपने अपने पर्चे दाखिल किए। इनमें भारतीय जनता पार्टी के कुल 11 उम्मीदवार हैं, जबकि बहुजन समाज पार्टी के भीमराव अम्बेडकर ने दोबारा पर्चा नामांकन किया है। महेश चंद्र शर्मा ने जनसंघ उम्मीदवार के रूप में पर्चा भरा। समाजवादी पार्टी उम्मीदवार के रूप में जया बच्चन पहले ही नामांकन कर चुकी हैं।

इस प्रकार चुनाव मैदान में 14 दावेदार हो गए हैं। इस तरह अब यह तय हो गया है कि राज्यसभा चुनाव में जीत के लिए तगड़ा संघर्ष होगा। विधानभवन में सुबह 11 बजे से नामांकन का सिलसिला शुरू हुआ। पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली ने नामांकन किया। उनके साथ भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. महेंद्रनाथ पांडेय, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य व डॉ. दिनेश शर्मा आदि मौजूद थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों के स्वागत के लिए वाराणसी पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नामांकन में नहीं पहुंच सके।

भाजपा की ओर से डॉ. अनिल जैन, अशोक वाजपेयी, कांता कर्दम, विजय पाल सिंह तोमर, डॉ. हरनाथ सिंह यादव, सकलदीप राजभर और जीवीएल नरसिम्हा राव एक साथ नामांकन करने पहुंचे। सभी उम्मीदवारों ने दो-दो सेट में नामांकन पत्र भरे। बाद में भाजपा के नवें उम्मीदवार के रूप में अनिल अग्रवाल को लेकर भाजपा विधायक जटाशंकर त्रिपाठी और शैलेश सिंह शैलू पहुंचे। अनिल अग्रवाल के नाम की घोषणा नवें उम्मीदवार के रूप में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने की। इसके बाद भाजपा के प्रदेश महामंत्री विद्यासागर सोनकर और सलिल विश्नोई ने भी एक-एक सेट में नामांकन पत्र दाखिल किया।

भाजपा ने इन दोनों उम्मीदवारों के नाम की घोषणा नहीं की है लेकिन, इनके नामांकन से राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। इनकी दावेदारी ने नए राजनीतिक कयासों को जन्म दिया है। उम्मीदवारों के नाम वापसी की तारीख 15 मार्च है। दस सीटों पर भाजपा के 11 उम्मीदवारों की दावेदारी होने से यह तय है कि पार्टी ने कुछ वजहों से यह पैंतरेबाजी की है। संख्या बल के हिसाब से भाजपा आठ उम्मीदवारों को जिता सकती है और फिर उसके 28 वोट बचेंगे। नवें प्रत्याशी के लिए उसे उठापटक करनी होगी। भाजपा में भी खींचतान बढ़ गई है। इन हालात में दो उम्मीदवारों के नाम वापस भी होंगे।

हालांकि नवां उम्मीदवार उतारकर भाजपा ने खासतौर से बसपा उम्मीदवार की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। राजनीतिक उठापटक में माहिर नरेश अग्रवाल ने अपने बेटे नितिन अग्रवाल का वोट भाजपा को दिलाने की घोषणा कर दी है। उनके भाजपा में आने सपा के भी कुछ वोट खतरे में माने जा रहे हैं।


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