जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी सैयद मुश्ताक बुखारी का निधन, रविंद्र रैना ने जताया शोक
जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव 2024 में भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ चुके सैयद मुश्ताक बुखारी का बुधवार को देहांत हो गया। परिवार के अनुसार, दिल की गति रुकने से उनकी मृत्यु हुई है। वह सुरकोट विधानसभा से भाजपा के प्रत्याशी थे

जम्मू। जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव 2024 में भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ चुके सैयद मुश्ताक बुखारी का बुधवार को देहांत हो गया। परिवार के अनुसार, दिल की गति रुकने से उनकी मृत्यु हुई है। वह सुरकोट विधानसभा से भाजपा के प्रत्याशी थे।
जम्मू-कश्मीर से भाजपा प्रदेश अध्यक्ष रविंद्र रैना ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर पोस्ट के जरिए इस निधन पर दुख प्रकट किया। पोस्ट में उन्होंने लिखा, "सुरनकोट विधानसभा क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार और राजनीतिक दिग्गज सैयद मुश्ताक बुखारी साहब के निधन की खबर सुनकर स्तब्ध और बहुत दुखी हूं। यह राजौरी और पुंछ के पूरे समाज के लिए एक अपूरणीय क्षति है। मैं अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करता हूं।"
Shocked & deeply pained to hear about the demise of a Political Stalwart and BJP Candidate from Surankote Assembly Constituency Jenab #Sayeed_Mushtaq_Bukhari Sahib. This is an irreparable loss of whole of the society in Rajouri & Poonch. I express my heartfelt condolences. pic.twitter.com/Q92v1CZ503
— Ravinder Raina (@RavinderRaina) October 2, 2024
जम्मू-कश्मीर में तीन चरणों में होने वाले विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में 25 सितंबर को सुरनकोट के लिए मतदान हुआ था।
बता दें कि पहाड़ी समुदाय के लिए एसटी दर्जे के मुद्दे पर पार्टी अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला के साथ मतभेद के बाद बुखारी ने नेशनल कॉन्फ्रेंस छोड़ दी थी। फरवरी में केंद्र द्वारा पहाड़ी लोगों को अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा दिए जाने के बाद वह भाजपा में शामिल हो गए थे। वह 1996 में फारूक अब्दुल्ला सरकार में मंत्री भी थे।
वहीं, जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में मतदान संपन्न हो चुका है और मतों की गिनती 8 अक्टूबर को होनी है। मतदान का अंतिम चरण मंगलवार को संपन्न हुआ था। चुनाव कानूनों के अनुसार, सुरनकोट विधानसभा सीट के लिए मतगणना भाजपा उम्मीदवार की मृत्यु से प्रभावित नहीं होगी।
चुनाव अधिकारियों के अनुसार, 8 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर के अन्य सभी निर्वाचन क्षेत्रों के साथ-साथ मतगणना नियमित रूप से की जाएगी। हालांकि, अगर सुरनकोट में मृतक भाजपा उम्मीदवार चुनाव जीत जाता है, तो भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) द्वारा अधिसूचना के माध्यम से सुरनकोट में नए सिरे से चुनाव का आदेश दिया जाएगा।
जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 151 ए के तहत, अगर मृतक उम्मीदवार मतगणना में जीत जाता है, तो इस सीट पर छह महीने के भीतर चुनाव कराना होगा।


