Top
Begin typing your search above and press return to search.

प्रदूषण पर राज्यसभा में भाजपा और आप में तकरार, केंद्र ने कहा ‘अच्छे’ दिन बढे

दिल्ली में प्रदूषण को लेकर आज राज्यसभा में भारतीय जनता पार्टी और आम आदमी पार्टी में तीखी नोक झोक के बीच केन्द्र सरकार ने दावा किया

प्रदूषण पर राज्यसभा में भाजपा और आप में तकरार, केंद्र ने कहा ‘अच्छे’ दिन बढे
X

नयी दिल्ली । दिल्ली में प्रदूषण को लेकर आज राज्यसभा में भारतीय जनता पार्टी और आम आदमी पार्टी में तीखी नोक झोक के बीच केन्द्र सरकार ने दावा किया कि पिछले तीन वर्षों में राजधानी की वायु गुणवत्ता में क्रमिक सुधार हुआ है तथा ‘अच्छे’ से ‘मध्यम’ दिनों की संख्या 158 से बढकर 175 हो गयी है।

‘देश , विशेषकर दिल्ली में वायु प्रदूषण के खतरनाक स्तर पर पहुंचने के कारण उत्पन्न स्थिति पर ’ भारतीय जनता पार्टी के आर के सिन्हा, विजय गोयल और कांग्रेस की कुमारी शैलजा के राज्यसभा में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर चर्चा में ज्यादातर सदस्यों ने किसान को इसके लिए जिम्मेदार ठहराने के बजाय समस्या को राजनीति से अलग रखते हुए इसके स्थायी समाधान की मांग की।

वन एवं पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने प्रदूषण से निपटने तथा वायु गुणवत्ता सुधारने के लिए केन्द्र की योजना का ब्योरा देते हुए कहा कि इस समस्या के समाधान के लिए अनेक पहल की गयी हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में प्रदूषण के प्रमुख स्रोतों में औद्योगिक उत्सर्जन, वाहन जनित उत्सर्जन, सड़क और मिट्टी की धूल, निर्माण और विध्वंस कार्यकलाप , बायोमास और कचरा जलाना शामिल है। इस पर नियंत्रण के लिए स्रोत आधारित दृष्टिकोण अपनाया गया है। वाहनों से होने वाले प्रदूषण से निपटने के लिए अप्रैल 2020 से वाहनों में बीएस -6 मानक लागू किये जायेंगे। राजधानी के बाहरी क्षेत्रों में बाई पास बनाये गये हैं जिससे वाहन दिल्ली में अाये बिना ही पडोसी राज्यों में जा रहे हैं। पांच सौ नये सीएनजी स्टेशन खोले जा रहे हैं और बिजली से चलने वाहनों को बढावा दिया जा रहा है।

औद्योगिक उत्सर्जन पर रोक के लिए कठोर मानक निर्धारित किये गये हैं , बदरपुर ताप संयंत्र को बंद किया गया है और छोटी फैक्ट्रियों में पीएनजी का इस्तेमाल शुरू किया गया है। ईंट भट्टों में मिश्रित प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल हो रहा है।

जावडेकर ने कहा कि पराली जलाने की समस्या से निपटने के लिए कृषि मंत्रालय द्वारा 1500 करोड़ रूपये की राशि से पराली की कटायी के लिए मशीनों की खरीद की जा रही है। इसके तहत किसानों को मशीन की खरीद के लिए व्यक्तिगत तौर पर 50 फीसदी छूट तथा मशीनों के कस्टम हायरिंग सेंटर्स की स्थापना के लिए 80 प्रतिशत की छूट दी जा रही है। वर्ष 2018-19 में 56 हजार 290 मशीनों की आपूर्ति की गयी जबकि वर्ष 2019-20 के दौरान 46 हजार 578 मशीनों की आपूर्ति का लक्ष्य रखा गया है। इन कदमों से वर्ष 2018 में पराली जलाने की घटनाओं में वर्ष 2017 और 2016 की तुलना में क्रमश 15 प्रतिशत और 41 प्रतिशत की कमी पायी गयी । मौजूदा मौसम में वर्ष 2018 की तुलना में उत्तर प्रदेश , हरियाणा और पंजाब में क्रमश 36.8, 25.1 और 16.8 फीसदी की कमी दर्ज की गयी।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it