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उड़ीसा में किसानों के मुद्दों पर उतरी बीजद, भाजपा और  कांग्रेस

 किसानों की समस्याओं को लेकर उड़ीसा में सत्ताधारी बीजू जनता दल (बीजद), भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस ने सोमवार को रैलियां निकालीं व प्रदर्शन किए।

उड़ीसा में किसानों के मुद्दों पर उतरी बीजद, भाजपा और  कांग्रेस
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भुवनेश्वर। किसानों की समस्याओं को लेकर उड़ीसा में सत्ताधारी बीजू जनता दल (बीजद), भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस ने सोमवार को रैलियां निकालीं व प्रदर्शन किए। भुवनेश्वर में राजभवन के पास प्रदर्शन कर रहे बीजद नेताओं का आरोप था कि केंद्र सरकार धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) नहीं बढ़ा रही है। वहीं भाजपा कार्यकर्ताओं ने असामयिक बारिश के चलते फसल खराब होने से पीड़ित किसानों को प्रदेश सरकार की ओर से लागत सब्सिडी वितरण में विलंब को लेकर सचिवालय का घेराव किया।

उधर, कांग्रेस ने प्रदेश सरकार के साथ-साथ केंद्र को भी निशाना बनाया। कांग्रेस ने दोनों सरकारों पर किसानों की दुर्दशा की उपेक्षा करने व उनकी व्यथा को लेकर राजनीति करने का आरोप लगाया।

बीजद प्रवक्ता अमर सतपथी नें कहा, "हम धान का एमएसपी 2,930 रुपये प्रति क्विंटल करने की मांग कर रहे हैं।"उन्होंने कहा कि राज्य विधानसभा में इस मसले पर सहमति बनने के बाद एमएसपी में बढ़ोतरी की मांग को लेकर प्रधानमंत्री से मुलाकात करने का फैसला लिया गया। मगर, प्रधानमंत्री ने विधानसभाध्यक्ष की अगुवाई में सदन की सर्वदलीय कमेटी को मिलने का समय नहीं दिया।

सतपथी ने बताया कि इस संबंध में राष्ट्रपति के नाम राज्यपाल एस. सी. जमीर को पार्टी की ओर से एक ज्ञापन भी दिया गया है। वहीं, भाजपा की ओर से निकाली गई रैली ने राज्य सचिवालय में प्रवेश करने की कोशिश की जिसे पुलिस ने रोक दिया।

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बसंत पांडा ने कहा कि प्रदेश सरकार को पीड़ित किसानों का कर्ज माफ करना चाहिए। साथ ही, धान पर बोनस की घोषणा करनी चाहिए। लेकिन, राज्य सरकार ऐसा नहीं कर रही है। असमय बारिश के शिकार किसानों को लागत अनुदान भी नहीं दिया गया है।

उधर, कांग्रेस ने भी किसानों की समस्याओं पर ध्यान देने की मांग करते हुए राष्ट्रपति के नाम राज्यपाल को एक ज्ञापन सौंपा।कांग्रेस के किसान सेल के प्रमुख अमिय पटनायक ने कहा, "हमने राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा है जिसमें धान का एमएसपी बढ़ाकर 3,000 रुपये प्रति क्विंटल करने की मांग की गई है।"

उनका कहना था कि केंद्र सरकार और प्रदेश सरकार दोनों ने किसानों को धोखा दिया है और कांग्रेस उनके हक के लिए संघर्ष करेगी। प्रदेश सरकार को असामयिक बारिश के चलते फसल खराब होने की रिपोर्ट 30 जिलों से मिल चुकी है। विशेष राहत आयुक्त ने बताया कि सोमवार को रिपोर्ट संकलित हो गई है और रिपोर्ट को अंतिम स्वरूप देने के बाद लागत सब्सिडी का वितरण किया जाएगा।


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