दिसम्बर तक पक्षी विहार का होगा कायापलट
ओखला पक्षी विहार के दिन तो बहुरने वाले है

नोएडा। ओखला पक्षी विहार के दिन तो बहुरने वाले है। लेकिन वर्तमान में यह अब भी बदहाली का शिकार बना हुआ है। यहा सड़कों लेकर पेड़ झील का पानी भी गंदा हो चुका है। हालांकि सर्दियों में ही यहा पक्षी प्रवास करते है।
लेकिन देसी पक्षियों के लिए यह साल भर पनाहगाह बना रहता है। जिनको सुविधाओं और भोजन के नाम पर यह कुछ भी नहीं है। लिहाजा यह पक्षी भी अब सुदूर धनौरी व गुरुग्राम के वैटलैंड की ओर रूख कर चुके है।
बताते चले कि हाल ही में केंद्रीय मंत्री ने पक्षी विहार के नवीनिकरण का शिलान्यास किया था। दिसम्बर तक इसे विश्व पर्यटन की तर्ज पर तैयार किया जाएगा। यहा विश्व स्तरीय वाच टावर, शोध संस्थान के अलावा खाने पीने के स्टॉल व लोगों के बैठने के लिए बैंच व पक्षियों की एक प्रदर्शनी जैसा संग्राहलय बनाया जाएगा। ताकि लोग यहा आने वाले पक्षियों के बारे में व उनकी पूरी जानकारी हासिल कर सके।
यह काम पर्यावरण मंत्रालय द्वारा किया जाएगा। लेकिन वर्तमान में यहा कुछ भी ऐसा नहीं जो पर्यटकों को रिझा सके। गत सर्दियों में भी साइबेरियन क्षेत्र से यहा कुछ पक्षी ही प्रवास करने आए। इस बात यहा कुल 15 हजार प्रवासी पक्षी आए थे। दिसम्बर में विकास होने के बाद पक्षियों की संख्या में बढ़ोतरी होने की संभावना है। बताते चले कि यहा कुल 3 लाख पक्षियों के आने का रिकॉर्ड भी है। लेकिन यह तब आते थे।
जब पक्षी विहार प्रकृति की गोद में था। वर्तमान में पक्षी विहार के एक ओर रिहाएशी ऊची बिल्डिंग के अलावा हाई टेंशन लाइन, चारों तरफ तेज रफ्तार चलते वाहनों की आवाज के अलावा झील का गंदा पानी, कतिम घोसलों का अभाव खाने के लिए भोजन की कमी। इन कमियों को दूर करने की जिम्मेदरी पर्यावरण मंत्रालय ने उठाई है। इसको लेकर एक मैप तैयार किया गया है। जिसके तहत काम किया जा रहा है। लेकिन मौजूदा समस्या को समाप्त कर पाना पर्यावरण मंत्रालय के लिए चुनौती होगी।


