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शिक्षा गुणवत्ता उन्नयन अभियान को पलीता

बिलासपुर ! जिले में शिक्षा गुणवत्ता उन्नयन के लिए शालाओं में पर्याप्त संख्या में शिक्षकों की नियुक्ति की जानी है। शासन का कहना है कि शिक्षक पर्याप्त संख्या में है परंतु उनका युक्तियुक्तकरण किया जान

शिक्षा गुणवत्ता उन्नयन अभियान को पलीता
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बिलासपुर ! जिले में शिक्षा गुणवत्ता उन्नयन के लिए शालाओं में पर्याप्त संख्या में शिक्षकों की नियुक्ति की जानी है। शासन का कहना है कि शिक्षक पर्याप्त संख्या में है परंतु उनका युक्तियुक्तकरण किया जाना है, लेकिन स्थिति यह है कि शिक्षक का युक्तियुक्तकरण किए जाने के महीने भर बाद जुगाड़ कर फिर अपने मूल स्थान पर वापस आ जाते हैं। जिले में कई ऐसे स्कूल हैं जहां दर्ज संख्या कम है और दर्जन भर शिक्षकों की पदस्थापना है। ज्यादातर शहर व यहां से लगे हुए गांवों के स्कूलों में इन रसूखदारों शिक्षक जमे हुए हैं। जबकि 2014 के शासन के निर्देशानुसार प्रायमरी में 30 बच्चों पर एक शिक्षक, पूर्व माध्यमिक में 35-40 बच्चों पर एक शिक्षक। इसी तरह हाई एवं हायरसेेकण्डरी स्कूल में 45 बच्चों पर एक शिक्षक होना चाहिए।
छात्र शिक्षक अनुपात की समीक्षा में यह पाया गया कि प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक स्तर पर पर्याप्त शिक्षक हैं इसके बाद भी ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यालयों में शहरी क्षेत्रों की तुलना में शिक्षकों की कमी बनी हुई है। नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम अन्तर्गत किसी भी स्थिति में प्रदेश की शालाओं में 10 प्रतिशत से अधिक शिक्षकों के पद रिक्त नहीं होने चाहिए।
गौरतलब है कि जिले में 1,680 प्राथमिक 761 पूर्व माध्यमिक 152 हाईस्कूल 124 हायरसेेकण्डरी व 117 ट्रायबल हाई एवं हायर सेकण्डरी स्कूल है जिसमें अभी भी सभी वर्गों की लगभग 1134 शिक्षकों की कमी है। आश्चर्यजनक तथ्य यह है कि शासन का कहना है कि हमारे पास शिक्षकों की कोई कमी नहीं है और युक्तियुक्तकरण कर कमी दूर की जाएगी और दर्ज संख्या के आधार पर शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी लेकिन वस्तुस्थिति कुछ और है। ‘देशबन्धु’ की टीम ने जब शासकीय बालक प्राथमिक शाला जबड़ापारा, तिफरा, परसदा, बोदरी, बालक प्राथमिक शाला मस्तूरी व नवागांव सहित अन्य स्कूलों का जायजा लिया तो पता चला कि दर्ज संख्या बहुत कम होने के बाद भी एक ही स्कूल में दर्जन भर शिक्षक हैं। यह सब शासन के युक्तियुक्तकरण की पोल खोल रही है। कई स्कूलों में तो मानो रसूखदार शिक्षकों ने कब्जा जमा लिया है।
सेट्अप के अनुसार शिक्षक
छत्तीसगढ़ शासन द्वारा वर्ष 2007-08 में यह आदेश जारी किया गया था कि राज्य में संचालित शालाओं के लिए नए सेट्अप के अनुसार ही शिक्षक रखे जाएंगे जिसके कारण वेतन व अन्य भत्ते के अभाव में शिक्षकों की नियुक्ति नहीं की जा सकी यह समस्या अभी तक बनी हुई है और सेट्अप के अनुसार ही शिक्षक है। अधिकारियों का कहना है कि हम एक भी अधिक शिक्षक नहीं रख सकते। सेट्अप स्वीकृति के आधार पर 69 उच्चतर माध्यमिक शाला 64 हाईस्कूल एवं विकासखण्ड के अंतर्गत संचालित शालाओं के लिए बजट के अनुसार पदों का वितरण किया गया है।


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