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अचानक सिम्स पहुंची एमसीआई की टीम

बिलासपुर । सिम्स मेडिकल कॉलेज के एमबीबीएस पांचवें सेमेस्टर की मान्यता को लेकर जांच करने आज एमसीआई की तीन सदस्यीय टीम सुबह 10 बजे सिम्स पहुंची।

अचानक सिम्स पहुंची एमसीआई की टीम
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एमबीबीएस की सीटों की मान्यता का मामला
फैकल्टी व अन्य सुविधाओं का लिया जायजा

बिलासपुर । सिम्स मेडिकल कॉलेज के एमबीबीएस पांचवें सेमेस्टर की मान्यता को लेकर जांच करने आज एमसीआई की तीन सदस्यीय टीम सुबह 10 बजे सिम्स पहुंची। जहां टीम ने कालेज की मौजूदा स्थिति व संसाधनों का निरीक्षण किया। वहीं टीम के दो सदस्यों ने सीपत में सिम्स के स्वास्थ्य केन्द्र का भी जायजा लिया। एमसीआई टीम में डा.जयंता डे मिदनापुर बंगाल, बायोकेमेस्ट्री प्रोफेसर, डा.एम लख्मी सूर्यप्रभा कम्युनिटी मेडिसीन आंध्रप्रदेश, डा.धीरज कुमार मेडिकल कालेज असम शामिल थे।
मेडिकल कालेज के एमबीबीएस के पांचवें बेंच के 150 सीटों की मान्यता के लिए एमसीआई की टीम आज सिम्स आई थी। सुबह 10 बजे के बाद एमसीआई की टीम सिम्स पहुंची जहां मेडिकल कालेज में विभिन्न संसाधनों व विभागों का टीम ने जायजा लिया। तथा कालेज में फैकल्टी व अन्य फाइलें भी एमसीआई की टीम ने देखा। सिम्स में निरीक्षण के बाद टीम के दो सदस्य सीपत स्थित सिम्स के स्वास्थ्य केन्द्र में स्वास्थ्य सुविधा संसाधन सहित अन्य जानकारियां ली। एमसीआई की टीम ने सिम्स के मेडिकल कालेज व सीपत में स्वास्थ्य केन्द्र की पूरी रिपोर्ट तैयार कर ली है। टीम के सदस्य अब अपनी रिपोर्ट दिल्ली मुख्यालय को सौपेंगे। जिसके आधार पर ही एमबीबीएस के 150 सीटों की मान्यता तय होगी।
गौरतलब है कि सिम्स के मेडिकल कालेज में सीटों की स्वीकृत को लेकर अक्सर संसाधनों एवं टीचिंग डिपार्टमेंट की कमी जैसी प्रमुख समस्याओं को लेकर हमेशा दो चार होना पड़ता है। इसके बावजूद भी हालात में कोई खास बदलाव नजर नहीं आता। इस कड़ी में आज सुबह दिल्ली से एमसीआई की तीन सदस्यीय टीम पहुंची थी। टीम के पहुंचने पर सिम्स प्रबंधन में हडक़ंप मच गया था। टीम ने पहुंचते ही कालेज की पढ़ाई और विभागध्यक्षों से चर्चा शुरू कर दी। इस दौरान सिम्स के डाक्टरों, प्रोफेसरों से कई बिन्दुओं पर सवाल की। ज्ञात होकि पूर्व में भी एमसीआई टीम सिम्स में कई बार निरीक्षण के लिए आ चुकी है। इस दौरान टीम के द्वारा कई खामिया पाई गई हैं। जिसे दुरूस्त करने के लिए समय भी दिया गया जिससे कुछ बिन्दुओं पर सुधार तो हुआ है लेकिन ज्यादातर मामलों में सिम्स प्रबंधन का रवैय्या जस की तस है।
पहले भी नाराजगी जताई थी
एमसीआई की टीम लगातार सिम्स में निरीक्षण के लिए आ रही है। पिछले वर्ष 16 दिसम्बर को सिम्स में प्री पीजी सीटों की मान्यता के लिए एमसीआई की टीम पहुंंची थी। जहां टीम ने सिम्स अस्पताल व मेडिकल कालेज के निरीक्षण के दौरान स्थान का अभाव व आपरेशन में उपयोग किये जाने वाले औजारों, मशीनरी के अलावा संसाधनों की कमी पर नाराजगी जाहिर की थी। उसके बाद पिछले महीने 6 मार्च को भी कम्युनिटी मेडिसील की एक पीजी सीट बढ़ाने एमसीआई की टीम ने मेडिसीन विभाग की उपलब्धियों की बारीकी से जांच की थी।
हडक़ंप मचा रहा
टीम के पहुंचते ही सिम्स व मेडिकल कालेज में आज हडक़ंप मचा गया। जिससे सिम्स प्रबंधन अस्पताल व मेडिकल कालेज की व्यवस्था बनाने में लगे रहे। वहीं सभी विभागों के एचओडी व सिम्स के समस्त अधिकारी टीम के मौजूद रहे तक सभी कर्मचारियों को अव्यवस्थाओं को दुरूस्त करने के निर्देश देते रहे। एमसीआई की टीम ने डीन आफिस में कालेज की फाइलों की जांच की। एमसीआई के पहुंचते ही सिम्स के डीन डा.विष्णु दत्त, प्रभारी एमएस डा.रमणेश मूर्ति सहित अन्य स्टाफ के लोग मौजूद रहे।
मान्यता पर संशय
एमसीआई की टीम द्वारा सिम्स में कई बार निरीक्षण कर रिपोर्ट भेज दी गई है। लेकिन अभी तक प्री पीजी सीटों व कम्युनिटी मेडिसीन की पीजी सीटों की संख्या नहीं बढ़ सकी है। टीम रिपोर्ट तैयार कर केन्द्र ले जाती है लेकिन पीजी की सीटों में बढ़ोतरी नहीं हुई है। सिम्स में अस्पताल की व्यवस्थाओं व संसाधनों की कमी पर एमसीआई ने असंतुष्टि जाहिर की है। टीम ने सभी दौरे की रिपोर्ट दिल्ली भेज दी है। अब सिम्स मेडिकल कालेज के एमबीबीएस व पीजी सीटों की संख्या की मान्यता पर संशय बना हुआ है।


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