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सिम्स में दवाईयों का फिर संकट,9 करोड़ की जगह 7 करोड़ की राशि हुई स्वीकृत

बिलासपुर ! सिम्स में दवाइयों का संकट एक बार फिर गहराने लगा है। मरीजों को पूरी दवाईयां दवा वितरण केन्द्र से नहीं मिल पा रही है। जिससे लोगों को दवाओं के लिए निजी मेडिकल स्टोर का सहारा लेना पड़ रहा है।

सिम्स में दवाईयों का फिर संकट,9 करोड़ की जगह 7 करोड़ की राशि हुई स्वीकृत
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बिलासपुर ! सिम्स में दवाइयों का संकट एक बार फिर गहराने लगा है। मरीजों को पूरी दवाईयां दवा वितरण केन्द्र से नहीं मिल पा रही है। जिससे लोगों को दवाओं के लिए निजी मेडिकल स्टोर का सहारा लेना पड़ रहा है। सिम्स में बीते तीन माह से दवा की समस्या बनी हुई है। दवाओं की कमी को पूरा करने के लिए सिम्स प्रबंधन शासन से इस बार दवाईयों के लिए 9 करोड़ मांगा था। लेकिन दवाईयों के लिए सिर्फ 7 करोड़ रूपये की स्वीकृत हुए हैं जिससे दवाईयों का संकट मंडरा रहा है। सिम्स प्रबंधन ने दवाईयों अतिरिक्त बजट मांगा था, ताकि दवाईयों की कमी न हो। लेकिन शासन से बजट कम मिलने से एक बार फिर दवाओं की कमी बनी रहेगी।
सिम्स के मरीजों ने बताया कि जितनी दवाएं डाक्टर पर्ची पर लिख रहे हैं उसमें से एक या दो ही दवाईयां अस्पताल से मिल पा रही है। बाकि अन्य दवाईयों के लिए मेडिकल स्टोर्स से दवाईयां खरीदनी पड़ रही है। जिससे हमें भारी परेशानी हो रही है। ज्ञात हो कि सिम्स में दवा की समस्या पूर्व में भी थी। लेकिन बजट प्रस्ताव के पहले लग रहा था कि दवा का संकट खत्म हो जाएगा। लेकिन बजट कम मिलने से फिर से दवाईयों की कमी यहां बन गई है।
गर्मी के मौसम में मौसमी बीमारियों के मरीज अस्पताल पहुंच रहे हैं। वहीं आने वाले दिनों में बरसात के मौसम में दवाईयों की कमी होने से लोगों को भारी परेशानी होगी। क्योंकि इस मौसम में मरीजों की संख्या दोगुनी हो जाती है। हालांकि सिम्स प्रबंधन दवाईयों की कमी को पूरा कर लेने की बात कर रहा है।


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