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दोनों बच्चों को अपहर्ताओं ने छोड़ा, सकुशल घर पहुंचे,अपर्हताओं की पहचान हुई, एक हिरासत में

बिलासपुर ! कल सरकण्डा क्षेत्र से स्कूल से घर लौटते अपहृत कर लिए गए दोनों बच्चों को अपहरणकर्ताओं ने चौतरफा दबाव में आकर छोड़ दिया। दोनों बच्चे सकुशल अपने घर आ गए हैं।

दोनों बच्चों को अपहर्ताओं ने छोड़ा, सकुशल घर पहुंचे,अपर्हताओं की पहचान हुई, एक हिरासत में
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बच्चों के पिता से मांगी थी 2 करोड़ फिरौती,

बिलासपुर ! कल सरकण्डा क्षेत्र से स्कूल से घर लौटते अपहृत कर लिए गए दोनों बच्चों को अपहरणकर्ताओं ने चौतरफा दबाव में आकर छोड़ दिया। दोनों बच्चे सकुशल अपने घर आ गए हैं। अपहरणकर्ताओं ने दोनों का अपहरण करके दो करोड़ की फिरौती मांगी थी।
पुलिस की नाकेबंदी में दोनों भाइयों के अपहरण व फिरौती की खबर फैलते ही अपहरणकर्ता घबरा गए और दोनों भाइयों को रात भर मुंगेली पास के एक गांव में अपने रिश्तेदार घर रखने के बाद आज सुबह मुंगेली बस स्टैण्ड बस में बिठाकर छोड़ दिया। कंडक्टर को टिकट के पैसे भी दिए। दोनों बच्चों के पिता का मोबाइल नंबर देकर बस से उतार लेने की सूचना देने की भी बात कही। सभी चारों अपहरणकर्ताओं की पहचान हो गई है। मुख्य अपर्हता बच्चों के परिचित निकला जिसे हिरासत में ले लिया गया है। पुलिस ने बाकी आरोपियों के भी जल्द पकड़े जाने की बात कही है।
सुबह 9.30 बजे हर्ष ने अपने पिता विनोद को फोन में मुंगेली नाका आने की जानकारी दी। सरकंडा से परिजन व पुलिस बल मंगला नाका चौक पहुंचे और बच्चों को बस से उतारा। अपने मासूम बच्चों को देखते ही मां ने बच्चों को सीने से लगा लिया। आज माता पिता की आंखों में खुशी के आंसू थे। बच्चों ने माता-पिता व पुलिस को बताया कि वे दिन भर एक कार में अंकल के साथ घूम रहे थे। कानन पेंडारी गए थे। दिन भर खिलाया पिलाया तथा सुबह घर छोडऩे की बात कही। बच्चों ने यह भी बयान दिया कि अंकल बहुत अच्छे थे। बच्चों के घर लौटते ही भीड़ लग गई स्कूल के शिक्षक व बच्चे भी काफी संख्या में विनोद केशरवानी के घर पहुंच गए।
ज्ञात हो कि सरकंडा जबड़ापारा में रहने वाले विनोद केशरवानी तथा अर्चना केशरवानी के दोनों बेटे हर्ष (14 वर्ष) विक्की (8 वर्ष) ड्रीमलैण्ड स्कूल में पढ़ते हैं। कल स्कूल से लौटते समय दोनों भाइयों का अपहरण कर लिया गया था। अपहरणकर्ताओं ने बच्चों के पिता के मोबाइल पर फोन कर दो करोड़ की फिरौती मांगी थी। कल दोपहर दिनदहाड़े अपहरण की घटना के बाद पुलिस ने जिले में नाकेबंदी कर दी थी। अपहरण करने वाले सरकंडा क्षेत्र के ही निकले। पुलिस ने अपहरण व फिरौती के मामले में सरकंडा के रहने वाले फल्ली ठेला लगाने वाला नानू उर्फ आकाश पिता राजकुमार यादव ने दोनों बच्चों को स्कार्पियो में बिठाकर मुंगेली ले गया था। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।
इस अपहरण में तीन से अधिक आरोपियों के शामिल होने की जानकारी बच्चों ने दी है। पुलिस के अनुसार अपहरण करने वाले ने पैसे के लालच में बच्चों का अपहरण किया। मीडिया में खबर फैलने के बाद डरकर बच्चों को आज सुबह मुंगेली बस स्टैण्ड में बस में रवाना कर दिया। रात भर पुलिस आरोपियों की तलाश करती रही लेकिन सुबह 8 बजे तक बच्चों को कोई अता पता नहीं था। आज सुबह 9 बजे अचानक बच्चों के पिता के पास बस कंडक्टर ने हर्ष तथा विक्की से पिता की बात कराई। बच्चे सकुशल मंगला नाका चौक पहुंचे। यहां उतरते ही बच्चों को पुलिस अधिकारी साइबर सेल ले गए और एक घंटे तक बच्चों से अपहरणकर्ताओं की जानकारी ली तथा घेराबंदी कर तीन आरोपियों को धर दबोचा व पूछताछ की जा रही है।
एसपी भी बस से बच्चों को उतारने पहुंचे
पुलिस अधीक्षक मयंक श्रीवास्तव, एएसपी अर्चना झा, प्रशांत कतलम, सीएसपी सलभ सिन्हा, लखन पटले दलबल के साथ सुबह ही मुुंगेली नाका पहुंच गए। वहां से बच्चों को बस से उतारकर सीधे तारबाहर थाना साइबर सेल ले गए तथा जानकारी ली बच्चों ने पुलिस को बताया कि अंकल लोग बहुत अच्छे थे और गार्डन भी घूमाया। बच्चों से जानकारी मिलते ही पुलिस ने सरकंडा के युवक को गिरफ्तार किया। पूछताछ में तीन और लोगों के शामिल होने की जानकारी मिली है। रात तक पुलिस ने मामले का खुलासा नहीं किया। वहीं मुंगेली से आरोपियों को हिरासत में ले लिया गया है। पूछताछ जारी है।
बच्चों के पिता के मेडिकल स्टोर में किया था काम
मिली जानकारी के अनुसार सरकंडा से पकड़ा गया। नानू यादव कभी विनोद केशरवानी की दुकान में काम किया करता था। बाद में मूंगफल्ली का ठेला लगाने लगा। नानू इंजेक्शन लगाने से लेकर दवाई पहचानने में माहिर था। लोगों का कहना है कि नानू यादव नशे का इंजेक्शन लेता था। ड्रग का आदि हो चुका था। शायद अपहरणकर्ताओं ने उसे रूपयों का झांसा देकर फंसाया, बच्चों का अपहरण कराया। फिलहाल कहानी में कितनी सच्चाई है इसका पुलिस खुलासे के बाद पता चल पाएगा। पुलिस कुछ भी बताने से इंकार कर रही है।
बच्चों को कहा, पापा ने लाने के लिए भेजा है
थोड़ी सी बातचीत के दौरान विनोद केशरवानी के बड़े बेटे हर्ष ने बताया कि स्कार्पियो लेकर ड्रीमलैण्ड स्कूल के बाहर एक व्यक्ति ने बताया कि उसके पापा ने लेने के लिए भेजा है। दो बार स्कूल से लौट चुके हैं। दुकान में बैठे हैं। तुम लोगों को लेने के लिए भेजे हैं। स्कूल से हम दोनों को सोनगंगा कालोनी ले गए। वहां तीन अंकल मिले। इसके बाद तखतपुर से होकर मुंंगेली ले गए। उन तीनों ने बताया कि हम लोग तुम लोगों को गलती से पकड़ लाए हैं। रात को एक घर में रखा। अंगूर खाने को दिया। सुबह बस में बैठाया और बस वालों को, हमें मुंगेली नाका में छोडऩे की बात उन्होंने कही।
पल-पल की खबर लेते रहे कलेक्टर
शहर में दोनों बच्चों के अपहरण की घटना से पूरा प्रशासन हिल गया। वहीं पुलिस के आला अधिकारी व कलेक्टर अन्बलगन पी भी दिन भर इस घटना के अपडेट लेेते रहे। वहीं कलेक्टर आज बच्चों के पहुंचते ही तारबाहर स्थित साइबर सेल पहुंचे। जहां उन्होंने भी जानकारी ली। बच्चों के पहुंचते ही शहर के लोग व सभी कांग्रेस, भाजपा के नेता भी सरकंडा पहुंचने लगे व पुलिस की प्रशंसा व्यक्त नागरिक करते रहे।
अब बच्चों को लेने खुद स्कूल जाऊंगी
अपने दोनों बच्चों के घर पहुंचते ही मां अर्चना ने कहा कि अब बच्चों को खुद स्कूल लेकर जाऊंगी। अकेले कहीं नहीं भेजुंगी। साए की तरह उनके पास रहूंगी। उन्होंने यह भी कहा कि अब मुझे किसी से कोई शिकायत नहीं है। मेरे बच्चे घर लौट आए हैं। बच्चों के घर पहुंचते ही सभी ने लोग रो पड़े व बच्चों को गले से लगाकर मीडिया व पुलिस को सराहा


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