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पटवारी के स्थानांतरण आदेश पर जांजगीर कलेक्टर को निर्देश

बिलासपुर ! नवागढ़ तहसील के पटवारी हल्का नं.4 में पदस्थ पटवारी अनीता कॅवर की प्रारंभिक नियुक्ति वर्ष 2010 में हुई थी।

पटवारी के स्थानांतरण आदेश पर जांजगीर कलेक्टर को निर्देश
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बिलासपुर ! नवागढ़ तहसील के पटवारी हल्का नं.4 में पदस्थ पटवारी अनीता कॅवर की प्रारंभिक नियुक्ति वर्ष 2010 में हुई थी। वर्ष 2016 में अनीता कॅवर ने स्वयं के व्यय पर तहसील जांजगीर में अपने स्थानांतरण हेतु जिलाधीश जांजगीर-चाम्पा के पटवारी हल्का में कर दिया गया था, जिस पर अनीता कॅवर ने विधिवत पामगढ़ के उक्त पटवारी कार्यालय में कार्यभार ग्रहण कर लिया। किन्तु इसी दौरान अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) पामगढ़ द्वारा इनकी सेवाएं पामगढ़ तहसील के कानूनगो शाखा में अविधिक रुप से संलग्न कर दी गई थी, इस पर अनीता कॅवर ने छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के समक्ष अधिवक्ता मतीन सिद्दीकी एवं नरेन्द्र मेहेर के माध्यम से एक रिट याचिका प्रस्तुत की। याचिका की सुनवाई 19 जनवरी को न्यायमूर्ति मनीन्द्र मोहन श्रीवास्तव की एकलपीठ द्वारा करते हुए उपरोक्त एसडीएम द्वारा प्रकरण की आगामी सुनवाई तिथि तक स्टे प्रदान किया गया। मामले में अंतिम बहस पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति मनीन्द्र मोहन श्रीवास्तव ने 9 मार्च को अंतिम आदेश पारित करते हुए कहा कि या तो कलेक्टर जांजगीर स्थानांतरण आदेश में यह उल्लेख करे कि यह स्थानांतरण प्रशासन की आवश्यकतानुसार किया गया है और यदि याचिकाकर्ती का स्थानांतरण स्वयं के व्यय/ निवेदन पर किया गया है तो उसे वापस लिया जावे और अगर कलेक्टर जांजगीर 30 दिनों के भीतर कोई नवीन आदेश याचिकाकर्ता के संबंध में जारी नहीं करते हैं तो याचिकाकर्ता अनीता कॅवर की आलोच्य सेवा स्थानांतरण आदेश स्वयमेव प्रभावहीन मान ली जावगी तथा वह अपने पूर्व/ मूल पदस्थापना स्थल पटवारी हल्का नं.4 तहसील नवागढ़ में पुन: कार्यभार ग्रहण करेंगी।
कलेक्टर कर्मचारी को रिलीव करें- हाईकोर्ट
ग्राम लखनपुर बलौदाबाजार निवासी सुशील कुमार पटेल पटवारी हल्का नंबर 66 तहसील-मैनपुर, जिला-गरियाबंद में पटवारी के पद पदस्थ थे। 21 जुलाई 2016 को सचिव राजस्व विभाग द्वारा स्वयं के व्यय पर उनका स्थानांतरण तहसील मैनपुर जिला गरियाबंद से तहसील-बलौदाबाजार जिला बलौदाबाजार कर दिया गया परंतु लगतार कई अभ्यावेदन दिये जाने के बावजूद भी कलेक्टर गरियाबंद द्वारा सुशील कुमार को रिलीव नहीं किये जाने से क्षुब्ध होकर सुशील कुमार द्वारा हाईकोर्ट अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई। अधिवक्ता द्वारा हाईकोर्ट के समक्ष यह तर्क प्रस्तुत किया गया कि उच्च न्यायालय बिलासपुर द्वारा पूर्व में मिस मनीषा अग्रवाल विरुद्ध छ.ग.शासन एवं अन्य के वाद में यह निर्णय दिया है कि यदि किसी शासकीय कर्मचारी के स्थानांतरण के पश्चात यदि स्थानांतरण आदेश को निरस्त, परिवर्तित,संशोधित या उसमें फेरबदल नहीं किया गया है तो शासकीय कर्मचारी नवीन स्थान पर ज्वाइनिंग का पात्र है। उच्च न्यायालय द्वारा उक्त मामले की सुनवाई के पश्चात कलेक्टर गरियाबंद को यह निर्देशित किया गया कि यदि याचिकाकर्ता के स्थानांतरण आदेश को निरस्त, परिवर्तित, संशोधित या उसमें फेरबदल नहीं किया गया है तो तत्काल याचिकाकर्ता को रिलीव करें।


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