शिक्षाकर्मियों से वसूली गई राशि वापस करने के निर्देश
बिलासपुर ! त्रुटिपूर्ण वेतन निर्धारण का कारण बताकर शिक्षा कर्मियों से एरियर्स के अधिक भुगतान की राशि वसूल की जा रही थी जिसे अवैधानिक मानते हुए उच्च न्यायालय ने वसूली की गई

बिलासपुर ! त्रुटिपूर्ण वेतन निर्धारण का कारण बताकर शिक्षा कर्मियों से एरियर्स के अधिक भुगतान की राशि वसूल की जा रही थी जिसे अवैधानिक मानते हुए उच्च न्यायालय ने वसूली की गई राशि तत्काल याचिकाकर्तागण को वापस करने का निर्देश दिया है एवं साथ ही पुन: इस संबंध में वसूली नहीं करने का निर्देश दिया है। न्यायालय ने कहा है कि त्रुटिपूर्ण वेतन निर्धारण के लिए शिक्षाकर्मी दोषी नहीं है।
याचिकाकर्ता गणेश चंद्राकर, कन्हैयालाल साहू, डीआर धु्रव, महेश कुमार यादव एवं अन्य महासमुंद जिला पंचायत के अंतर्गत शिक्षक (पंचायत), व्याख्याता (पंचायत) के पद पर कार्यरत हैं अचानक बिना किसी आदेश के एवं बिना सुनवाई के अवसर दिये याचिकाकर्तागण के वेतन से प्रतिमाह कटौती की जाने लगी, जिस पर याचिकाकर्तागण द्वारा उक्त वसूली के विरुद्ध अभ्यावेदन प्रस्तुत किया गया किन्तु उसका कोई जवाब नहीं दिया गया जिससे क्षुब्ध होकर उच्च न्यायालय मं अधिवक्ता अजय श्रीवास्तव के माध्यम से एक याचिका उच्च न्यायालय के समक्ष प्रस्तुतकिया गया जिस पर प्रारंभिक सुनवाई के बाद उच्च न्यायालय ने वेतन कटौती पर रोक लगा दिया एवं शासन को नोटिस जारी किया। नोटिस के जवाब में जिला पंचायत की ओर से बताया किया कि त्रुटिपूर्ण वेतन निर्धारण के फलस्वरुप एरियर्स की राशि अधिक भुगतान होने के कारण शिक्षाकर्मियों के वेतन से वसूली की जा रही है। इस पर याचिकाकर्तागण के अधिवक्ता ने माननीय सर्वोच्च न्यायालय न्यायदृष्टांत के आधार पर बताया कि उक्त निर्णय अनुसार तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों से वसूली नहीं हो सकी इसके अलावा याचिकाकर्तागण की ओर से किसी प्रकार का छल या कपट द्वारा उक्त लाभ प्राप्त नहीं किया गया है एवं त्रुटिपूर्ण निर्धारण के लिए जिम्मेदार नहीं है। सुनवाई पश्चात न्यायमूर्ति पी सेम कोसी ने कहा कि त्रुटिपूर्ण वेतन निर्धारण के लिए याचिकाकर्तागण दोषी नहीं है एवं उनकी ओर किसी प्रकार लाभ प्राप्त करने के लिए छल या कपट नहीं किया गया है। त्रुटिपूर्ण वेतन निर्धारण के लिए प्रतिवादीगण जिम्मेदार है।


