शासन का फरमान, किसानों की मुसीबत,धान खरीदी के लिए केवल 27 दिन शेष
बिलासपुर ! राज्य शासन द्वारा निर्धारित मात्रा से अधिक धान बेचने वाले किसानों का राशन कार्ड निरस्त करने की घोषणा के बाद अब पंजीकृत रकबे का पुन: सत्यापन करवाने के फरमान

पटवारी हड़ताल पर, धान बिक्री करना हुआ मुश्किल, जमीन का सत्यापन पहले
जिले के 25 हजार किसान हीे बेच पाए हैं धान
बिलासपुर ! राज्य शासन द्वारा निर्धारित मात्रा से अधिक धान बेचने वाले किसानों का राशन कार्ड निरस्त करने की घोषणा के बाद अब पंजीकृत रकबे का पुन: सत्यापन करवाने के फरमान से किसानों की मुसीबतें और बढ़ गई हैं। सैकड़ों क्विंटल धान की तौलाई अभी भी समितियों में नहीं की गई है। जिले में अभी तक 56 हजार 05 किसानों ने अपने 89 हजार 914 हेक्टेयर जमीन के आधार पर 26 लाख क्विंटल धान बेचा है। वहीं 25 हजार 495 किसानों ने अपना धान अभी तक नहीं बेचा है। जबकि धान खरीदी की निर्धारित समयावधि खत्म होने में केवल 27 दिन शेष है और किसानों को अब अपने पंजीकृत रकबे का सत्यापन करवाने तहसील कार्यालय के चक्कर लगाना पड़ रहा हैं।
जिले में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी 15 नवम्बर से शुरू हुई है। शासन का पूरा प्रयास है कि वास्तविक किसान ही अपना धान बेचे और कोचिए व व्यापारियों पर नकेल कसा जा सके। ‘देशबन्धु’ ने अपने 25 अक्टूबर के अंक में पंजीयन में गड़बड़ी का समाचार प्रमुखता से प्रकाशित किया था। जिले में अभी 34 हजार 978 हेक्टेयर पंजीकृत जमीन के किसान धान नहीं बेच पाए हैं। कलेक्टर ने एक नया फरमान जारी कर समितियों को निर्देश दिया है कि अब पंजीयन का पुन: सत्यापन किया जाए। फिर धान खरीदी होगी जिससे किसानों में हंगामा मचा है और किसान अब तहसील कार्यालय का चक्कर काटने पर विवश हैं। वहीं कई समितियों में सप्ताह भर से किसानों का धान तौलाई के इंतजार में पड़ा हुआ है। अभी वे किसान ही धान बेच पाए हैं जो जल्दी पकने वाले धान की फसल लगाए हुए थे।
खरीदी की समय-सीमा बढ़ाई जाए
जिले के कई सेवा सहकारी समितियों में कोचिए धान पहले ही खपा चुके हैं। क्योंकि कोचिए व व्यापारी समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की शुरूआत में ही सक्रिय हो जाते हैं। वहीं किसानों का कहना है कि समय बहुत कम बचा है। अब पुन: सत्यापन से समय अधिक बर्बाद होगा इसलिए धान खरीदी की समस सीमा बढ़ाई जाऐ। मोहन, भागबली, तीरथ सहित दर्जनों किसानों ने बताया कि शासन को इन सभी बिन्दुओं पर पहले ही विचार कर लेना चाहिए था, क्योंकि अब हमें रबी फसल की भी तैयारी करनी है।
निर्देश पर कार्रवाई
जिला सहकारी बैंक के नोडन अधिकारी शशांक शेखर दुबे ने बताया कि सेवा सहकारी समितियों द्वारा पंजीयन में भारी गड़बड़ी की गई है इसी कड़ी में सेवा सहकारी समिति के कम्प्यूटर ऑपरेटर द्वारा खुद के समिति में करीब 25 हेक्टेयर जमीन का कई अलग-अलग किसानों के नाम पर पंजीयन कर लिया गया था। हालांकि उपपंजीयक द्वारा उसे बर्खास्त कर दिया गया है एवं अन्य समितियों में भी इस प्रकार की गड़बड़ी की आशंका है इसलिए पुन: सत्यापन व जांच कलेक्टर के निर्देश पर की जा रही है।
शिकायत मिली थी
समर्थन मूल्य पर धान खरीदी अधिक पारदर्शी व किसानों के हित में हो इसे ध्यान में रखकर ही यह निर्णय लिया गया है। क्योंकि शिकायत प्राप्त हुई थी सेवा सहकारी समितियों द्वारा कम रकबा को बढ़ाकर पंजीयन किया गया है।
अन्बलगन पी.
कलेक्टर
भौतिक सत्यापन भी होगा
उच्चाधिकारियों के निर्देशानुसार पुन: सत्यापन कार्रवाई की जा रही है। पटवारियों की हड़ताल के कारण आरआई के माध्यम से दस्तावेज सत्यापन किए जा रहे हैं। आवश्यकतानुसार मौके पर जाकर भी भौतिक सत्यापन किया जा सकता है। बिल्हा में आज लगभग 80 किसानों ने सत्यापन करवाया है।
अमित गुप्ता
तहसीलदार बिल्हा
किसानों को नुकसान नहीं
खरीदी केन्द्रों में अब विशेष निगरानी रखी जा रही है। पुन: सत्यापन से किसानों का किसी भी प्रकार अहित नहीं होगा। बल्कि उन व्यापारियों व कोचिए पर पूर्णत: अंकुश लग जाएगा जो दूसरे के नाम से धान खपाते हैं।
अभिषेक तिवारी
सीईओ
जिला सहकारी बैंक


