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‘जुगाड़’ के शिक्षकों के भरोसे 90 स्कूल

बिलासपुर ! जिले में 90 प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक शिक्षण कार्य करवा रहा है और स्कूलों के नाम से एक भी शिक्षक नियुक्त नहीं है। हालांकि कुछ एकल शिक्षकीय स्कूल भी हैं

‘जुगाड़’ के शिक्षकों के भरोसे 90 स्कूल
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युक्तियुक्तकरण के बाद भी शालाओं में स्थाई पदस्थापना नहीं
बिलासपुर ! जिले में 90 प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक शिक्षण कार्य करवा रहा है और स्कूलों के नाम से एक भी शिक्षक नियुक्त नहीं है। हालांकि कुछ एकल शिक्षकीय स्कूल भी हैं पिछले पांच वर्षों से जिले में शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण किया जा रहा है जो सिर्फ खानापूर्ति साबित हो रहा है। शासन व जनप्रतिनिधियों का कहना है कि हमारे पास शिक्षक पर्याप्त है, लेकिन फिर जिले के 90 स्कूलों में शिक्षक आसपास के स्कूल से अटैच कर सत्र पूरा क्यों किया जाता है? शासन योजना चलाई जा रही है शिक्षा गुणवतता उन्नयन भी स्कूलों के हालात् ठीक नहीं कर पा रही है।
गौरतलब है कि शासन वर्ष 2013-14 में फरमान जारी किया था कि हमारे पास पर्याप्त शिक्षके हैं और 19 बच्चों में 01 शिक्षक है, जबकि 35 बच्चों में 01 शिक्षक होना चाहिए और युक्तियुक्तकरण कर शिक्षकों को उन स्कूलों में भेजा जाएगा जहां पद खाली हैं। लेकिन आश्चर्यजनक तथ्य यह है कि आज भी जिले में 90 प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक शाला ऐेसे भी जहां शिक्षक नहीं है और अटैचमेंट करके शिक्षण कार्य करवाया जा रहा है। शासन दर्ज संख्या कम होने का हवाला देते हुए जिले से करीब 187 स्कूल को बंद कर चुकी है।
डा.एवीजे अब्दुल कलाम आजाद शिक्षा गुणवत्ता में ऐसे भी जिले की शिक्षा व्यवस्था की हालात कुछ ठीक नहीं कही जा सकती। ऐसे में शिक्षा गुणवत्ता उन्नयन भी स्कूल व विद्यार्थियों की हालात ठीक नहीं कर पा रही है।
187 स्कूल बंद
नियमानुसार प्रतिदिन किलोमीटर में प्राथमिक, पांच किलोमीटर में पूर्व माध्यमिक व 6-7 किलोमीटर के दायरे में हाईस्कूल होना चाहिए मगर पिछले दो वर्ष में जिले से लगभग 187 स्कूलों को दर्ज संख्या का बहाना बनाकर बंद की जा चुकी है व शासन का कहना है कि यहां के बच्चों आसपास के स्कूलों में दाखिल कर दिया गया है। शिक्षा गुणवत्ता उन्नयन के उद्देश्य की पूर्ति शासन स्कूल बंद करके पूरा कर रहा है।
शहर के स्कूलों में जमे हैं शिक्षक
वर्ष 2007-08 के सेट्अप व वर्ष 2013-14 के शासन के युक्तियुक्तकरण के फरमान के बाद भी शिक्षकों की कमी बरकरार है। हालांकि युक्तियुक्तकरण पहुंच के बल पर आज भी शहर व यहां से लगे हुए गांव के स्कूलों में जमे हुए हैं। शासन का यहां तक कहना है कि हमारे पास पर्याप्त शिक्षक हैं, लेकिन उसके बाद भी कई स्कूल शिक्षकविहीन है। जिसके लिए कोई ठोस व्यवस्था अब तक नहीं हो पाई है।
शिक्षक विहीन प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक शाला
विकासखण्ड शाला की संख्या
मरवाही 31
बिल्हा 09
मस्तूरी 04
तखतपुर 08
पेण्ड्रा 01
गौरेला 07
कोटा 20
योग 90


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