फैक्ट्रियों की बर्फ से सेहत खतरे में
बिलासपुर ! खाद्य औषिधी विभाग बर्फ फैक्ट्रियों की जांच करने की अभी तक योजना ही बना रही है जबकि गरमी भीषण रुप धारण कर चुका है।

अमानक बर्फ का निर्माण, दूषित पानी का भी उपयोग
बिलासपुर ! खाद्य औषिधी विभाग बर्फ फैक्ट्रियों की जांच करने की अभी तक योजना ही बना रही है जबकि गरमी भीषण रुप धारण कर चुका है। हर दिन लाखों के बर्फ का कारोबार शहर में चल रहा है। लेकिन बर्फ की क्वालिटी पर किसी का कोई ध्यान नहीं है। लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ किया जा रहा है। क्योंकि बर्फ फैक्ट्रियों में जिस पानी से बर्फ का निर्माण होता है उस बर्फ की क्वालिटी ठीक नहीं रखी है। तीन साल से बर्फ फैक्ट्रियों की खाद्य औषधि विभाग ने जांच तक नहीं की है। जबकि खाद्य औषधि विभाग को साल में तीन से चार बार जांच करनी है। गंदे पानी से बने बर्फ में अनेक प्रकार के कीटाणु मौजूद होते हैं। बर्फ का निर्माण फिल्टर किए गये पानी से करना होता है लेकिन बर्फ फैक्ट्रियों में बिना फिल्टर किए पानी से बर्फ का निर्माण किया जा रहा है। गरमी के मौसम में बर्फ की मांग बढऩे से सामान्य पानी से बर्फ का निर्माण हो रहा है। डॉक्टर भी बर्फ फैक्ट्रियों में निर्मित बर्फ का उपयोग करने से मना करते हैं। बर्फ फैक्ट्रियों के बर्फ के उपयोग से लोग बीमार होते हैं। शहर में बर्फ का करोबार करोड़ों में होता है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार खाद्य औषधि विभाग ने अभी तक बर्फ फैक्ट्रियों की जांच का अभियान शुरू नहीं किया है। जबकि गरमी का प्रकोप बढ़ गया है। लेकिन खाद्य औषधि विभाग ने अभी तक किसी भी बर्फ फैक्टिरी की जांच नहीं की है। शहर में दर्जनों बर्फ फैक्ट्रियां संचालित हो रही है। लेकिन एक भी फैक्ट्रिरी में बर्फ सैम्पल तक नहीं लिए गए हैं। डॉक्टर भी फैक्ट्रियों के बर्फ का उपयोग आम जनता को नहीं करने की समझाईश दे रहे हैं। बर्फ फैक्ट्रियों में पानी की गुणवत्ता पर हमेशा सवाल उठते रहे हैं।
पानी नहीं होता फिल्टर
नियम के अनुसार बर्फ निर्माण के लिए फिल्टर किए गए पानी का उपयोग होना अनिवार्य है। बर्फ का उपयोग आम जनता करती है। पानी में सबसे ज्यादा कीटाणु पाए जाते हैं। जिसके कारण बिना फिल्टर किए पानी से बर्फ निर्माण को गैर कानूनी माना जाता है। ऐसे बर्फ से शरीर को नुकसान पहुंचाता है। बर्फ फैक्ट्रियों में बिना फिल्टर किए पानी से बर्फ का निर्माण हो रहा है। ऐसे बर्फ की खुलेआम बिक्री भी की जा रही है।
गरमी में बढ़ जाती है खपत
गरमी के मौसम में बर्फ का उपयोग अधिक होता है। गरमी के मौसम में बर्फ के ठेले और गन्नारस की दुकानों में बर्फ का उपयोग किया जा रहा है। हर दिन लाखों के बर्फ की बिक्री शहर में हो रही है। मगर खाद्य औषधि विभाग और बर्फ फैक्ट्री संचालकों को आम जनता की सेहत की कोई फिक्र नहीं है। बर्फ फैक्ट्री संचालक को अपनी कमाई से मतलब होता है। खाद्य औषधि विभाग भी इस मुद्दे पर लापरवाह बना रहता है।
गर्मी का मौसम शुरू होने के पहले ही शहर और जिले की बर्फ फैक्ट्रियों की जांच होनी चाहिए लेकिन ऐसा होता नहीं। शहर के लाखों लोग बर्फ फैक्ट्रियों के बर्फ का उपयोग करते हैं। सूत्रों से जानकारी मिली है कि इन बर्फ फैक्ट्रियों में जिम बर्फ का निर्माण होता है। वह दो प्रकार का होता है। बर्फ फैक्ट्रियों में केवल एक क्वालिटी के बर्फ का निर्माण किया जा रहा है।


