नर्सों पर एस्मा लगाना नियम विरुद्ध
बिलासपुर ! छत्तीसगढ़ परिचारिका कर्मचारी कल्याण संघ द्वारा पांच सूत्रीय मांगों को लेकर 25 फरवरी को राजधानी में धरना दिए जाने के मामले में

बिलासपुर ! छत्तीसगढ़ परिचारिका कर्मचारी कल्याण संघ द्वारा पांच सूत्रीय मांगों को लेकर 25 फरवरी को राजधानी में धरना दिए जाने के मामले में स्वास्थ्य विभाग के सचिव द्वारा एस्मा लगाने का फरमान जारी करने पर परिचारिका संघ ने विरोध जताया और कहा कि प्रदेश भर की 1200 परिचायिकाओं ने बकायदा सामूहिक अवकाश लेकर अपनी लंबित मांगों के लिए राजधानी में धरना दिया था। उनकी मांग वैध है। लेकिन स्वास्थ्य विभाग द्वारा उनकी प्रदर्शन को अवैध बताते हुए एस्मा लगाने की चेतावनी दिया जाना नियम विरुद्ध है।
परिचारिका कर्मचारी संघ की प्रदेश अध्यक्ष देवाश्री साव ने कहा कि विभाग द्वारा हड़ताल पर गए परिचारिकाओं की जानकारी ली जा रही है, जो कि गलत है। स्टाफ नर्सों की सामूहिक छुट्टी से प्रदेश के शासकीय अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवा पर कोई असर नहीं पड़ा है।
प्रेस क्लब में पत्रकारों से चर्चा करते हुए संघ की प्रांताध्यक्ष श्रीमती देवाश्री साव, डी.स्वर्णा यादव, सरोज बाला कोर्पे, सुषमा श्रीवास ने पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया कि संघ ने अपनी पांच सूत्रीय मांगों को लेकर 25 फरवरी को सामूहिक अवकाश लेकर धरना दिया था। इसके पहले मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह तथा स्वास्थ्य मंत्री अजय चंद्राकर को भी मांगों से अवगत कराया था। देवाश्री साव ने कहा कि प्रदेश भर में केवल 4 हजार स्टाफ नर्स है। मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। स्टाफ नर्सों के कार्य को देखते हुए वेतनमान में वृद्धि करने के साथ ही ग्रेड-2 का दर्जा देने की मांग संघ ने की गई है।
स्टाफ नर्सों को रात्रिकालीन एवं जोखिम भत्ता दिया जाए। वर्ष 2008 में स्टाफ नर्सों की नियुक्ति के बाद नियमानुसार 5 वर्ष में पदोन्नति नहीं दी गई और न ही वेतन वृद्धि का लाभ मिला। स्टाफ नर्सों को शासकीय अस्पताल के पास ही आवासीय सुविधा उपलब्ध कराने तथा वित्तीय भत्ता देने की मांग को लेकर राजधानी में स्टाफ नर्सों ने प्रदर्शन किया था। तथा अपर सचिव ने मांगों को लेकर एक पत्र जारी किया जिसमें मांगें पूरी नहीं करने का जिक्र था।
25 फरवरी को राजधानी में आंदोलन के बाद स्वास्थ सचिव ने आंदोलनकारी स्टाफ नर्सों के आंदोलन को अवैध बताने की कार्रवाई का संघ ने विरोध किया और एस्मा लागू करना उचित नहीं है।


