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रात 10 के बाद प्रेशर हार्न और डीजे बजा तो कलेक्टर-एसपी होंगे जिम्मेदार : छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट

बिलासपुर ! छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने ध्वनि प्रदूषण पर सख्त रूख अपनाते हुए कहा है कि कलेक्टर एसपी और जिला प्रशासन के अधिकारी अनिवार्य रूप पर्यावरण के संरक्षक हैं।

रात 10 के बाद प्रेशर हार्न और डीजे बजा तो कलेक्टर-एसपी होंगे जिम्मेदार : छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट
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ध्वनि प्रदूषण पर हाईकोर्ट का सख्त रूख
किसी नागरिक के फोन का इंतजार किए बिना करंे कार्रवाई

बिलासपुर ! छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने ध्वनि प्रदूषण पर सख्त रूख अपनाते हुए कहा है कि कलेक्टर एसपी और जिला प्रशासन के अधिकारी अनिवार्य रूप पर्यावरण के संरक्षक हैं। वे ध्वनि प्रदूषण के मामले में सकारात्मक कार्रवाई करें न कि किसी नागरिक के फोन का इंतजार करें। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि राज्य पर्यावरण संरक्षण मण्डल के अधिकारियों को भी शिकायत दर्ज कराना एक जनहित याचिका पर चीफ जस्टिस टी.वी.राधाकृष्णन और पी.सैम कोशी की डिवीजन बेंच में साथ ही आम लोगों के पक्ष में यह व्यवस्था भी दी कि हाईकोर्ट आदेश का पालन नहीं किए जाने की स्थिति में किसी भी न्यायालय में कोई भी शिकायत दर्ज करा सकता है। इस फैसले के साथ रायपुर के शंकर नगर निवासी नीतिन सिंघवी द्वारा दायर की गई जनहित याचिका को कोर्ट में निराकृत कर दिया।
ये कहा है हाईकोर्ट ने
गाडिय़ों पर साउण्ड बाक्स रखकर डीजे बजाने पर कलेक्टर तथा एसपी सुनिश्चित करेंगे कि वाहन पर साउण्ड बाक्स न बजे। ऐसे वाहन का रिकार्ड रखा जाए। दूसरी बार पकड़े जाने पर वाहन का परमिट निरस्त किया जाए तथा हाईकोर्ट के आदेश के बिना उस वाहन को नया परमिट जारी न किया जाए। हाईकोर्ट ने यह भी कहा है कि निर्देश का उल्लंघन होने पर संबंधित अधिकारी पर भी अवमानना की कार्रवाई होगी।
रात 10 बजे के बाद डीजे बजने पर जब्त कर लिए जाएं। शादियों, जन्मदिन, धार्मिक सामाजिक कार्यक्रमों में निर्धारित मापदण्डों से अधिक ध्वनि होने पर हाईकोर्ट के आदेश का पालन करने नम्रता पूर्वक कहा जाए और आयोजक के विरोध पर कार्रवाई की जाए और संबंधित के खिलाफ अवमानना का प्रकरण हाईकोर्ट में प्रस्तुत किया जाए।
प्रेशर हार्न अथवा मल्टीटोन हार्न बनाने पर संबंधित अधिकारी कलेक्टर, एसपी, एसडीएम, आरटीओ डीएसपी तत्काल ही उसे वाहन से निकालकर नष्ट कर तथा रजिस्टर में दर्ज करें। दूसरी बार ऐसा करते पाए जाने पर वाहन जब्त करने की कार्रवाई की जाए।
स्कूल, कालेज, अस्पताल, कोर्ट आफिस के सौ मीटर दूरी पर लाउडस्पीकर बजने पर संबंधित अधिकारियों द्वारा ध्वनि विस्तार यंत्र को जब्त किया जाए और मजिस्ट्रेट के अनुमति के बाद ही उसे वापस किया जाए।
क्या कहा था सर्वोच्च न्यायालय ने
सर्वोच्च न्यायालय ने आदेशित किया है कि रात को 10 बजे से सुबह 6 बजे तक कोई भी ड्रम, ढोलक, आवाज निकालने वाले साउण्ड एम्प्लीफायर नहीं बजेगा। रात को 10 बजे से सुबह 6 बजे तक रहवासी क्षेत्रों में हार्न नहीं बजेगा।
पब्लिक प्लेस में लाउड स्पीकर बजाने पर रहवासी क्षेत्र में दिन 65डेसीबल व रात में 55 डेसीबल से अधिक तथा कामर्शियल एरिया में दिन में 75 डीबी/ ए तथा रात मेें 65 डेसीबल से अधिक न हो। निजी साउण्ड सिस्टम बजाने पर चारदिवारी के बाहर निर्धारित मानक से 5 डेसीबल से अधिक ध्वनि न हो।


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