बीएसपी के सीईओ को अवमानना नोटिस
बिलासपुर ! भिलाई स्टील प्लांट में असिस्टेण्ट जनरल मैनेजर महेश कुमार गोनाडे, जिनकी नियुक्ति 1995 को मैनेजमेंट ट्रेनिंग के रुप में अनुसूचित जाति के अन्तर्गत हुई थी।

बिलासपुर ! भिलाई स्टील प्लांट में असिस्टेण्ट जनरल मैनेजर महेश कुमार गोनाडे, जिनकी नियुक्ति 1995 को मैनेजमेंट ट्रेनिंग के रुप में अनुसूचित जाति के अन्तर्गत हुई थी। छत्तीसगढ़ उच्यस्तरीय जाति छानबीन समिति रायपुर में की गई शिकायत पर जांच में लिखा गया कि इनकी जाति हल्बा नहीं, कोष्टी है इसलिए इनको अनुसूचित जनजाति का लाभ प्रदान नहीं किया जाएगा।
छानबीन समिति के उक्त आदेश के उपरांत भिलाई स्टील प्लांट के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने अपने आदेश के माध्यम से महेश कुमार गोनाडे को सेवा से बर्खास्त कर दिया और यह भी आदेश दे दिया कि उन्हें सीपीएफ, ग्रेच्युटी, पेंशन एवं सेवा संबंधी अन्य लाभ भी नहीं दिए जाएंगे। इससे केन्द्रीय प्रशासनिक अधिकरण (ष्ट्रञ्ज) की बिलासपुर सर्किट बेंच के समक्ष याचिका दायर की गई थी। इस न्याधिकरण ने 2015 को आदेश दिया कि गोनाडे ने छानबीन समिति के आदेश को चुनौती नहीं दी है एवं छानबीन समिति द्वारा इन्हें हल्बा जाति का नहीं पाया गया, इसलिए याचिका खारिज की जाती है।
उक्त आदेश पर महेश कुमार गोनाडे ने अधिवक्ता मतीन सिद्दीकी एवं संदीप सिंह के माध्यम से हाईकोर्ट के समक्ष याचिका प्रस्तुत की थी, चंूकि छानबीन समिति ने कहा है कि गोनाडे हल्बा जाति के नहीं, बल्कि कोष्टी जाति के हैं, इसलिए उनको अनुसूचित जाति का लाभ नहीं दिया जावेगा। सहायक महाप्रबंधक गोनाडे की याचिका में लिखा गया था कि केन्द्रीय प्रशासनिक प्राधिकरण ने उक्त तथ्यों का अवलोकन नहीं किया एवं गोनाडे के नियोक्ता भिलाई स्टील प्लांट ने भी उक्त बातों का ध्यान न देते हुए आदेश पारित किया है। मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति प्रशांत मिश्रा एवं अनिल शुक्ल की युगलपीठ में हुई। सुनवाई पर हाईकोर्ट ने कहा कि प्रतिवादी भिलाई स्टील प्लांट का यह कहना सही नहीं है कि याचिकाकर्ता ने जाति छानबीन समिति में अपनी जाति संबंधी दस्तावेज प्रस्तुत नहीं की थी, बल्कि मिलिन्द एवं भारत सरकार के आफिस ज्ञापन के आधार पर लाभ प्रदान करने का निवेदन किया था, इसलिए याचिककर्ता को कोई लाभ नहीं दिया जा सकता। इस मामले की सुनवाई हाईकोर्ट की युगलपीठ में हई,जिसमें जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा एवं अनिल कुमार शुक्ल थे। मामले में यह बताया गया कि हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद अभी तक अवमाननाकर्ता एम रवि,मुख्य कार्यपालन अधिकारी, भिलाई इस्पात संयंत्र द्वारा न तो कोई भी पुनर्नियुक्ति आदेश जारी किया गया है और न ही कोई अन्य जानकारी ही दी गई है। सुनवाई उपरांत हाईकोर्ट ने इस कन्टेम्प्ट केस नं. 130/2017 में उक्त सीईओ एम.रवि के खिलाफ अवमानना नोटिस जारी करते हुए प्रकरण की आगामी तिथि 20 मार्च को नियत की है।


