बिहार : उपेंद्र कुशवाहा को मिली जमानत
कुशवाहा के खिलाफ 29 नवंबर 2005 को आरोप पत्र दाखिल किया गया था मुकदमा अभियोजन साक्ष्य के लिए समस्तीपुर जिले में लंबित था

पटना। बिहार की राजधानी पटना स्थित सांसदों एवं विधायकों के मुकदमे की सुनवाई के लिए गठित विशेष अदालत में केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने आचार संहिता उल्लंघन के एक मामले में आज आत्मसमर्पण किया, जहां बाद में उन्हें जमानत पर मुक्त कर दिया गया।
विशेष न्यायाधीश परशुराम सिंह यादव की अदालत में आत्मसमर्पण सह जमानत याचिका दाखिल करते हुये कुशवाहा की ओर से उन्हें जमानत पर मुक्त किये जाने की प्रार्थना की गई थी।
प्रार्थना स्वीकार करते हुये न्यायालय ने कुशवाहा को दस हजार रुपये के निजी मुचलके के साथ उसी राशि के दो जमानतदारों का बंध-पत्र (बॉन्ड पेपर) दाखिल करने की स्थिति में जमानत पर मुक्त किये जाने का आदेश दिया।
मामला वर्ष 2005 का है। इस मामले की प्राथमिकी समस्तीपुर जिले के उजियारपुर थाने में लोक संपत्ति विरूपण अधिनियम की धारा 3(1) के तहत 25 अक्टूबर 2005 को दर्ज की गई थी।
विशेष अदालत के गठन के बाद मुकदमा पटना स्थानांतरित कर दिया गया, जहां कुशवाहा की लगातार अनुपस्थिति के कारण उनकी जमानत रद्द करते हुये न्यायालय ने उनकी उपस्थिति के लिए गिरफ्तारी का वारंट जारी किया था।
इसकी जानकारी मिलने के बाद केंद्रीय मंत्री ने आज न्यायालय में आत्मसमर्पण किया। इस मामले में कुशवाहा पूर्व में जमानत पर थे।


