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'फूलन देवी की शहादत दिवस' पर पटना में वीआईपी पार्टी की श्रद्धांजलि सभा

विपक्षी गठबंधन में शामिल विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) शुक्रवार को पटना स्थित बापू सभागार में वीरांगना फूलन देवी की शहादत दिवस पर एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन करेगा

फूलन देवी की शहादत दिवस पर पटना में वीआईपी पार्टी की श्रद्धांजलि सभा
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पटना। विपक्षी गठबंधन में शामिल विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) शुक्रवार को पटना स्थित बापू सभागार में वीरांगना फूलन देवी की शहादत दिवस पर एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन करेगा।

इस कार्यक्रम में पार्टी के प्रमुख मुकेश सहनी, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष संजीव मिश्रा सहित वीआईपी पार्टी के कई वरिष्ठ नेता एवं कार्यकर्ता शामिल होंगे। कार्यक्रम की जानकारी देते हुए पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष संजीव मिश्रा ने गुरुवार को बताया कि पार्टी इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर पूरी तरह तैयार है।

उन्होंने कहा कि फूलन देवी की शहादत श्रद्धांजलि सभा में प्रदेश के सभी जिलों से लोग पटना पहुंचेंगे और उन्हें याद किया जाएगा। उन्होंने बताया कि वीरांगना फूलन देवी के जीवन, संघर्ष और समाज के वंचित तबके के लिए उनके योगदान को श्रद्धांजलि कार्यक्रम में याद किया जाएगा।

राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मिश्रा ने आगे कहा कि वीरांगना फूलन देवी केवल एक नाम नहीं, बल्कि सामाजिक न्याय की वह प्रतीक थीं, जिन्होंने विषम परिस्थितियों में जन्म लेकर अन्याय के खिलाफ आवाज उठाई। उन्होंने नारी शक्ति और वंचित समाज को आत्मसम्मान के साथ जीने का अधिकार दिलाने के लिए संघर्ष किया। आज का युवा वर्ग उनके जीवन से प्रेरणा ले सकता है कि कैसे साहस, आत्मबल और संघर्ष से बदलाव संभव है।

उन्होंने कहा कि वीआईपी पार्टी उनके विचारों को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। इस आयोजन का उद्देश्य वीरांगना फूलन देवी के बलिदान और सामाजिक परिवर्तन के लिए उनके योगदान को याद करना है, ताकि आने वाली पीढ़ियां उनके विचारों से प्रेरित होकर समानता और सम्मानपूर्ण समाज की स्थापना में योगदान दे सकें।

उन्होंने कहा कि वीरांगना फूलन देवी का जीवन संघर्ष हमें याद दिलाता है कि लड़ाई सिर्फ अपने लिए नहीं, समाज में हाशिए पर खड़े हर व्यक्ति के लिए होनी चाहिए। उन्होंने अपील करते हुए कहा कि जो कार्यकर्ता वीरांगना की याद में श्रद्धांजलि सभा में किसी कारणवश नहीं पहुंच रहे, वे अपने घरों में उनके शोषण, पितृसत्ता और जातिवाद के विरुद्ध प्रतिरोध की मशाल थामने की कहानी को युवा पीढ़ी को बताएं।


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