जनता ने परिवारवाद को खत्म कर बिहार और देश में एनडीए को स्थापित किया : प्रेम कुमार
बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर देश का सियासी पारा सातवें आसमान पर है

गयाजी। बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर देश का सियासी पारा सातवें आसमान पर है। राजनीतिक दलों और नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप और बहसों का दौर जारी है। इसी बीच, भाजपा नेता डॉ. प्रेम कुमार ने शनिवार को पूर्व सांसद धीरेन्द्र अग्रवाल के जन सुराज पार्टी के टिकट पर गयाजी शहर से चुनाव लड़ने को लेकर प्रतिक्रिया दी है।
उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में सबकी आजादी है; कोई भी चुनाव लड़ सकता है। लेकिन, जनता का अपार समर्थन हमारे साथ है। इस बार भी जनता हमें गयाजी टाउन से विधायक बनाएगी और बिहार में एनडीए की सरकार बनेगी।
डॉ. प्रेम कुमार ने कहा कि कांग्रेस पार्टी विलुप्त हो चुकी है, क्षेत्रीय पार्टी की पिछलग्गू बनी हुई है। इस बार कांग्रेस को दहाई अंक की सीट भी नहीं मिलेगी। कांग्रेस परिवारवाद की पार्टी है। जनता ने परिवारवाद को खत्म कर देश और बिहार में एनडीए को स्थापित कर दिया।
कांग्रेस नेता जयराम रमेश के बयान पर पलटवार करते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता को अपने गिरेबान में झांकना चाहिए; उनकी पार्टी विलुप्त होती जा रही है। नौबत यहां तक आ गई है कि अब कांग्रेस को क्षेत्रीय पार्टी का पिछलग्गू बनना पड़ रहा है। आजादी के बाद से उसकी देश में सरकार थी और लगातार कई वर्षों तक उसने शासन किया। लेकिन अब कांग्रेस बिहार में आरजेडी की पिछलग्गू बनी हुई है। बता दें कि कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा था कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार रिमोट कंट्रोल हैं, और उनकी विदाई तय है।
भाजपा नेता ने कहा कि बिहार की जनता और देश की जनता ने कांग्रेस को समझ लिया है। कांग्रेस में सिर्फ परिवारवादी हैं। जनता ने परिवारवाद को खत्म कर बिहार और देश में एनडीए को स्थापित कर दिया है। देश में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश विकसित देश बन रहा है।
बिहार में भी तीव्र गति से विकास हो रहा है। पटना में मेट्रो आई है। जल्दी ही अब गयाजी में भी मेट्रो आएगी। बिहार में जिस तरह से रोजगार मिल रहा है, एनडीए की सरकार में महिलाओं को मान-सम्मान मिल रहा है, और युवाओं को नौकरी मिल रही है, बिहार की सड़क और नेशनल हाईवे बन रहे हैं, जनता को इससे काफी लाभ पहुंचा है।
पहले बिहार में अपहरण, लूट, और हत्या होती थी। अब एनडीए की सरकार में जनता चैन की नींद सोती है।


