Top
Begin typing your search above and press return to search.

सुरेंद्र राजपूत का बड़ा आरोप- नीतीश कुमार ने बिहार को बनाया बीमारू राज्य

बिहार विधानसभा चुनाव में सभी पार्टियों का प्रचार अभियान तेज हो गया है। पहले चरण की वोटिंग 6 नवंबर को है। कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र राजपूत ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर बिहार को बीमारू राज्य बनाने का आरोप लगाया है

सुरेंद्र राजपूत का बड़ा आरोप- नीतीश कुमार ने बिहार को बनाया बीमारू राज्य
X

सुरेंद्र राजपूत ने सरकार पर बिहार को बीमारू राज्य बनाने का लगाया आरोप

लखनऊ। बिहार विधानसभा चुनाव में सभी पार्टियों का प्रचार अभियान तेज हो गया है। पहले चरण की वोटिंग 6 नवंबर को है। कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र राजपूत ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर बिहार को बीमारू राज्य बनाने का आरोप लगाया है।

कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र राजपूत ने आईएएनएस से बातचीत करते हुए कहा, "सरकार ने शराब माफिया को 4 लाख करोड़ रुपए लूटने की इजाजत दे दी है। बिहार में 9 करोड़ लीटर शराब चूहे पी रहे हैं। आपके यहां पुल बहुत जल्दी टूट जा रहे हैं। इसके साथ ही 11 करोड़ रुपए का बांध भी चूहा काट दे रहा है, साथ ही कई ऐसे घोटाले हुए हैं, जिससे बिहार बीमारू राज्य बन रहा है।"

उन्होंने बिहार के उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा, "अब क्या ये लोग बिहार को खत्म करके ही मानने वाले हैं?"

सुरेंद्र राजपूत ने कहा कि जब युवा सरकार से नौकरी मांगने जाते हैं तो आप लोग ही बोलते हैं, "तुमको वेतन देने के लिए सरकार के पास पैसे नहीं है।" इससे पता चलता है कि आप लोग विकास विरोधी हैं और अब जनता से विकास की बात कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि आप लोगों को दोबारा मौका देने का मतलब है कि बिहार को वापस कुशासन में डाल देना है। बिहार में नेताओं की हत्या हो जा रही है और आप लोग कुछ नहीं कर पा रहे हैं। इससे ही पता चलता है कि बिहार में सरकार कुछ नहीं कर पा रही है।

तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी के 'ऑपरेशन सिंदूर' संबंधी बयान पर कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र राजपूत ने कहा, "रेवंत रेड्डी बिल्कुल सही हैं। हमारी माताओं और बहनों का अपमान किया गया। पाकिस्तान में आतंकवादी, उनकी सेना और सरकार द्वारा समर्थित, सक्रिय थे। हमारी सेना ने नौ आतंकवादी ठिकानों को नष्ट कर दिया और हवाई पट्टियों को निष्क्रिय कर दिया, और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर को आजाद कराने और बलूचिस्तान में खतरों को बेअसर करने के लिए तैयार थे।"

उन्होंने कहा कि इसके बाद भी कमजोर राजनीतिक नेतृत्व और विदेशी दबाव के कारण युद्धविराम का आदेश दिया गया, जिससे हमारी सेना को पूरी तरह से जवाबी कार्रवाई करने का मौका नहीं मिला, एक ऐसा फैसला जिसका सेना और देश को पछतावा होगा।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it