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राजद को मुस्लिम वोट चाहिए लेकिन उसके नेतृत्व को बढ़ावा नहीं देना चाहते : अख्तरुल ईमान

बिहार में इस साल होने वाले चुनाव को लेकर एआईएमआईएम ने भी तैयारी शुरू कर दी है

राजद को मुस्लिम वोट चाहिए लेकिन उसके नेतृत्व को बढ़ावा नहीं देना चाहते : अख्तरुल ईमान
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अख्तरुल ईमान का आरोप : मुस्लिम वोट चाहिए, नेतृत्व नहीं

  • राजद पर एमवाई समीकरण की राजनीति का आरोप
  • एआईएमआईएम के प्रस्ताव को ठुकराने पर उठे सवाल

किशनगंज। बिहार में इस साल होने वाले चुनाव को लेकर एआईएमआईएम ने भी तैयारी शुरू कर दी है। इस बीच, एआईएमआईएम के बिहार प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान ने राजद पर जोरदार निशाना साधा है। उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि राजद को मुस्लिमों का वोट चाहिए लेकिन वे मुस्लिम नेतृत्व को बढ़ावा नहीं देना चाहते।

अख्तरुल ईमान ने कहा कि आज जब सेक्युलर वोटों के बिखराव से बचाने के प्रयास किए जा रहे हैं, तब घटक दलों में सबसे ज्यादा परेशानी राजद को हो रही है। राजद वह पार्टी है जो "माई" यानी मुस्लिम-यादव समीकरण पर पूरी राजनीति कर रही है।

उन्होंने आरोप लगाया कि राजद 1990 से एमवाई समीकरण पर राजनीति खेल रही है और मुस्लिम लीडरशिप से उसे हमेशा दिक्कत रही है। उन्होंने कहा कि एआईएमआईएम के ऑफर को ठुकरा देना इसका सबसे बड़ा सबूत है। साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि राजद ने एआईएमआईएम के चार विधायकों को अपने साथ ले लिया। जिस पार्टी से सरकार बनाने को लेकर समर्थन मांगा गया, उसी पार्टी को अब नजदीक बैठने देने से उन्हें परेशानी हो रही है।

वर्ष 2005 की स्थिति का जिक्र करते हुए ईमान ने कहा कि राजद की वजह से मुस्लिम बिहार का मुख्यमंत्री नहीं बन पाया। उस समय लोजपा नेता स्वर्गीय रामविलास पासवान ने मुस्लिम चेहरे को मुख्यमंत्री बनाने की पेशकश की थी, लेकिन राजद के रवैये के कारण भाजपा को बिहार में पैर जमाने का मौका मिल गया।

उन्होंने कहा कि सेक्युलर वोटों का बिखराव सांप्रदायिक शक्तियों को मजबूत करता है। ऐसे में अगर राजद को इसकी चिंता नहीं है तो इसका मतलब है कि उन्हें भाजपा से कोई दिक्कत नहीं है।


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