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पीएम मोदी 22 अगस्त को मोकामा-सिमरिया गंगा पुल का करेंगे लोकार्पण, यात्रा होगी आसान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 अगस्त को आंता (मोकामा) से सिमरिया (बेगूसराय) के बीच गंगा पुल को राष्ट्र को समर्पित करेंगे। इस परियोजना में 1.865 किलोमीटर लंबा गंगा पुल शामिल है

पीएम मोदी 22 अगस्त को मोकामा-सिमरिया गंगा पुल का करेंगे लोकार्पण, यात्रा होगी आसान
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मोकामा-सिमरिया गंगा पुल का लोकार्पण 22 अगस्त को, बिहार में यात्रा होगी आसान

  • पीएम मोदी करेंगे नए छह लेन गंगा पुल का उद्घाटन, उत्तर-दक्षिण बिहार के बीच संपर्क मजबूत
  • राजेंद्र सेतु के समानांतर नया पुल तैयार, भारी वाहनों को मिलेगी 100 किमी की राहत
  • बिहार को मिला नया विकास पथ, मोकामा-सिमरिया पुल से आवागमन और अर्थव्यवस्था को मिलेगी गति
  • सिमरिया धाम तक पहुंच अब सुगम, नया गंगा पुल बनेगा सांस्कृतिक और आर्थिक सेतु

पटना। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 अगस्त को आंता (मोकामा) से सिमरिया (बेगूसराय) के बीच गंगा पुल को राष्ट्र को समर्पित करेंगे। इस परियोजना में 1.865 किलोमीटर लंबा गंगा पुल शामिल है, जो सीधे मोकामा (पटना जिला) को बेगूसराय से जोड़ेगा।

यह नया छह लेन का पुल पुराने दो लेन के रेल-कम-रोड पुल ‘राजेंद्र सेतु’ के समानांतर बनाया गया है। लगभग सात दशक पुराना राजेंद्र सेतु वर्तमान में मरम्मताधीन है, जिस कारण भारी वाहनों की आवाजाही उस पर प्रतिबंधित है। मजबूरन इन वाहनों को लंबा चक्कर लगाकर गुजरना पड़ता है। नया पुल खुलने के बाद ऐसे वाहनों को 100 किलोमीटर तक की अतिरिक्त यात्रा से मुक्ति मिलेगी।

इससे उत्तर बिहार (बेगूसराय, सुपौल, मधुबनी, अररिया आदि) और दक्षिण बिहार (पटना, शेखपुरा, नवादा, लखीसराय आदि) के बीच आवागमन आसान और तेज होगा। भारी वाहनों को इससे ईंधन और परिचालन लागत में भी बचत होगी।

यह पुल प्रसिद्ध तीर्थस्थल सिमरिया धाम तक पहुंच को भी सुगम बनाएगा। सिमरिया धाम प्रसिद्ध कवि रामधारी सिंह ‘दिनकर’ की जन्मस्थली भी है।

गौरतलब है कि इस परियोजना की आधारशिला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ही रखी थी। अब इसका लोकार्पण राज्य के लिए बेहतर संपर्क और विकास के नए दौर की शुरुआत मानी जा रही है।

यह गंगा पुल न केवल इंजीनियरिंग का अद्भुत नमूना है, बल्कि क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को गति देने, सांस्कृतिक महत्व को बढ़ाने और लोगों की यात्रा को सुविधाजनक बनाने में भी अहम भूमिका निभाएगा।

बता दें कि यह पुल पुराने 2-लेन के राजेंद्र सेतु के समानांतर बनाया गया है। राजेंद्र सेतु करीब 70 साल पुराना है और मरम्मत के कारण भारी वाहनों के लिए बंद है। नया पुल इस बोझ को संभालेगा। साथ ही, दूरी घटने से ईंधन की बचत, समय की बचत और वाहनों के परिचालन खर्च में कमी होगी।


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