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एसआईआर प्रक्रिया पर विपक्ष फैला रहा भ्रम: नीतीश मिश्रा

बिहार के मंत्री और भाजपा के नेता नीतीश मिश्रा ने कहा कि एसआईआर प्रक्रिया को लेकर कुछ दल भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहे हैं

एसआईआर प्रक्रिया पर विपक्ष फैला रहा भ्रम: नीतीश मिश्रा
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चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल बेबुनियाद : भाजपा नेता

  • नाम कटने पर आपत्ति का अधिकार सबको, भ्रम फैलाना गलत: नीतीश मिश्रा
  • एसआईआर सामान्य प्रक्रिया, विपक्ष कर रहा जनता को गुमराह
  • राहुल-तेजस्वी की यात्रा पर नीतीश मिश्रा का तंज, कहा– समाधान क्या है?
  • चुनाव आयोग पर भरोसा जताते हुए नीतीश मिश्रा ने विपक्ष को घेरा

पटना। बिहार के मंत्री और भाजपा के नेता नीतीश मिश्रा ने कहा कि एसआईआर प्रक्रिया को लेकर कुछ दल भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह एक सामान्य प्रक्रिया है जिसके तहत कार्य किया जा रहा है।

पटना में एक प्रेस वार्ता में उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग एक संवैधानिक संस्था है और यह प्रक्रिया करती है। देश जब से आजाद हुआ है, तब से चुनाव आयोग ही देश में चुनाव कराता आ रहा है। चुनाव आयोग के निष्पक्ष चुनाव को देश ही नहीं, दुनिया भी स्वीकार करती है। उन्होंने कहा कि जिनका नाम कटा है, उन्हें नाम जुड़वाने का मौका है। जब प्रारूप प्रकाशन किया गया है और कुछ गलतियां हैं, तो यह अधिकार है कि आपत्ति दर्ज की जाए। इसे लेकर 14 अगस्त तक किसी राजनीतिक दल ने आपत्ति दर्ज नहीं की है। चुनाव आयोग के प्रावधान के तहत राजनीतिक दल या लोगों को आपत्ति दर्ज करने का कार्य करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि जिनके नाम काटे हैं, उनका नाम सार्वजनिक किया गया है, उसे देखा जा सकता है। उन्होंने अपने विधानसभा क्षेत्र की पूरी सूची भी दिखाई। उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी और राजद नेता तेजस्वी यादव की यात्रा को लेकर कहा कि यह यात्रा किस समस्या का समाधान करेगी, ये वे खुद जानेंगे। उन्होंने कहा कि जिन्हें और जिन राजनीतिक दलों को ऐसी आशंका है कि नाम काटे जा रहे हैं, तो वे शिकायत कर अपना नाम जुड़वाने का काम करें। पंचायत भवन और प्रखंड कार्यालय में भी काटे गए नामों की सूची सार्वजनिक की गई है।

उन्होंने तेजस्वी यादव पर तंज कसते हुए कहा कि आज वे वोट कटने की बात कर रहे हैं, लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने नाम रहते वोट के अधिकार का प्रयोग नहीं किया, यह उन्हें याद रखना चाहिए। उन्होंने विपक्ष के संविधान समाप्त करने की बात पर पलटवार करते हुए कहा कि यह वही राहुल गांधी हैं जिन्होंने 2013 में सरकार के एक ऑर्डिनेंस को फाड़ दिया था। जिनके पास सही जानकारी नहीं है, इस कारण इनके पास बोलने के लिए कुछ नहीं है। यही कारण है कि ये लोगों को दिग्भ्रमित कर रहे हैं। जनता को विषय से भटकाने की यह कोशिश है।

उन्होंने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि हमारे विधानसभा क्षेत्रों से भी नाम काटे गए हैं। इसमें कई लोग अब इस दुनिया में नहीं हैं। कुछ लोगों को लेकर शिकायत भी की गई है। उन्होंने यह भी साफ कहा कि वे अपनी पार्टी के मतदाताओं को लेकर सजग हैं, इस कारण यह जानकारी दे रहे हैं।


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